
पुरातत्वविदों को खाड़ी देश बहरीन में एक प्राचीन मस्जिद के नीचे खुदाई में कुछ ऐसा मिला है जिसे देखकर हर कोई दंग है. पुरातत्वविदों की मानें तो मस्जिद की खुदाई के नीचे एक ईसाई धर्म से जुड़ा ढांचा मिला है. इस ढांचे को लेकर कहा जा रहा है कि यह कोई ईसाई मठ हो सकता है या फिर किसी ईसाई धर्म गुरु (बिशप) का घर भी हो सकता है.
पुरातत्वविदों के अनुसार, जो ढांचा मिला है वो छठी से आठवीं सदी के बीच का है. दरअसल बहरीन और ब्रिटिश पुरातत्व एक्सपर्ट्स एक साथ मिलकर बहरीन की इस प्राचीन मस्जिद के नीचे खुदाई कर रहे हैं. ये मस्जिद बहरीन के मुहर्रक द्वीप के एक कब्रिस्तान में स्थित है.
पुरातत्वविदों ने इस खुदाई के कार्य को तीन साल पहले शुरू किया था. ऐसे में अब जो खोज हुई है, वह वाकई काफी अहम और चौंकाने वाली भी है. इससे पहले कभी बहरीन में ईसाई धर्म से जुड़ा इतना बड़ा सबूत नहीं मिला है.
बहरीन अथॉरिटी फॉर कल्चर एंड एंटीक्विटीज में निदेशक सलमान अल महारी ने भी इस बारे में कहा कि 300 साल पुरानी प्राचीन मस्जिद के नीचे छठी से आठवीं सदी के बीच के ईसाई धर्म से जुड़े ठोस अवशेष मिलना बहरीन के लिए काफी रोमांचक बात है.
इससे पहले बहरीन में नहीं मिला था कोई ठोस सबूत
मालूम हो कि पिछले साल खुदाई कर रही टीम को ईसाई धर्म से जुड़ी कुछ चीजें भी मिली थीं. इनमें कुछ मिट्टी के बर्तन, विशेष पत्थर और ईसाई धर्म का सिंबल 'क्रॉस' का निशान मिला था. हालांकि इससे पहले बहरीन में ईसाई धर्म से जुड़ी कोई भी ऐसी चीज नहीं मिली थी, जिससे प्रचीन समय में ईसाई धर्म के यहां होने का कोई ठोस सबूत मिलता हो.
सलमान अल महारी ने आगे बताया कि, ' 'हमारे मौखिक इतिहास, लोगों की याद और साहित्य में ईसाई धर्म का जिक्र किया गया है.'' महारी ने आगे कहा कि कुछ जगहों के ऐसे नाम हैं, जिन्हें शोधकर्ता ईसाई धर्म से जुड़ा मानते हैं. हम भी इतिहास में इस बारे में पढ़ते रहे हैं, लेकिन कभी ऐसा ठोस सबूत नहीं मिल पाया है, जैसा अब मिला है. महारी ने आगे कहा कि बहरीन में मिला यह पहला भौतिक सबूत है.
यूएई में खुदाई के दौरान मिला था ईसाई मठ !
बहरीन में ईसाई धर्म से जुड़ी इस प्रचीन खोज से पहले यूएई में भी इसी तरह का कुछ अंश मिला था. डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार, यूएई में पुरातत्वविदों को खुदाई में एक प्राचीन ईसाई मठ के अवशेष मिले थे. यह मठ करीब 1400 साल पुराना होने का दावा किया जा रहा था. ऐसा कहा जा रहा था कि यह यूएई में इस्लाम के आने से भी पहले का है. हालांकि, इस बात का कोई पुख्ता सबूत नहीं दिया गया.
मठ के अवशेषों में एक चर्च की आकृति भी मिली थी. साथ मठ के कई कमरों में ऐसे अवशेष भी मिले थे, जिनका इस्तेमाल अक्सर चर्च में होने वाले समारोह में वेफर्स और ब्रेड बनाने के लिए किया जाता है. साथ ही कई ऐसे छोटे कमरे भी मिले थे, जिन्हें देखकर माना गया कि यह ईसाई धर्म गुरुओं के लिए एकांत में ईश्वर के ध्यान के लिए बनाए गए होंगे.