पाकिस्तान सरकार को हटाने की मांग को लेकर हजारों समर्थकों के प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे मौलवी ताहिर उल कादरी के खिलाफ पुलिस द्वारा मामला दर्ज करने के बाद गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है.
इस्लामाबाद में प्रदर्शन स्थल पर पुलिस अधिकारियों पर हमला करने पर कोहसार पुलिस थाने में कादरी और 70 अज्ञात लोगोंे के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.
घटनाक्रम से जुड़े एक सूत्र ने पीटीआई से कहा कि एक स्थानीय मजिस्ट्रेट द्वारा कादरी के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है.
सूत्र ने कहा कि अधिकारी कादरी को गिरफ्तार करने के लिए गृह मंत्री रहमान मलिक की हरी झंडी का इंतजार कर रहे हैं.
एक सूत्र ने कहा कि इस मुद्दे पर विचार विमर्श किया जा रहा है और फिलहाल सरकार की इस बारे में एक राय नहीं है कि कादरी के साथ बातचीत की जाए या उन्हें गिरफ्तार किया जाए. सूत्र ने कहा कि इस संबंध में जल्द कोई फैसला किया जा सकता है.
एक अन्य सूत्र ने कहा कि कादरी और अन्य के खिलाफ हत्या का प्रयास, सरकार के क्रियाकलाप में हस्तक्षेप, पुलिसकर्मियों से हथियार छीनकर शांति भंग करने संबंधी प्रावधानांे के तहत मामला दर्ज किया गया है.
सत्तारूढ पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी और मुख्य विपक्षी पीएमएल एन लाहौर से इस्लामाबाद तक के ‘लंबे मार्च’ के लिए कादरी को सुरक्षित रास्ता देने को लेकर एक दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.
पंजाब की प्रांतीय विधानसभा में पीपीपी के एक सदस्य ने कहा कि पंजाब सरकार ने लाहौर में कादरी को उनके आवास से हिरासत में क्यांे नहीं लिया? यह सामान्य जानकारी है कि तहरीक मिन्हाज उल कुरान पार्टी के पास दूसरे या तीसरे क्रम का नेतृत्व नहीं है.
उन्होंने कहा कि अगर उन्हंे नजरबंद किया गया होता तो केवल कुछ समर्थक ही सड़कों पर आए होते.
पीपीपी नेता ने कहा कि पीएमएल एन को संदेह था कि पीपीपी मई में होने वाले आम चुनावों को टालना चाहती है जिससे गलत फैसला किया गया.
नेता ने कहा कि पंजाब में पीएमएल एन सरकार की गलत गणना लोकतंत्र के लिए दमनकारी साबित हो सकती है.
वहीं दूसरी ओर पीएमएल एन के नेताओं ने कादरी के प्रदर्शन से निबटने में गृह मंत्री रहमान मलिक की भूमिका पर सवाल उठाया.
पीएमएल एन के सांसद ने कहा कि मलिक लंबे मार्च को रोकना चाहते थे या इसे सुविधाएं देना चाहते थे, उनकी भूमिका पर सवालिया निशान है.