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उपनाम का इस्तेमाल कर ऑनलाइन पोस्ट लिखने वाले भारतीय मूल के डॉक्टर को देना पड़ा इस्तीफा

अरविंद मदान लगातार फेक अकाउंट के जरिए सहकर्मियों के कामकाज को लेकर टिप्पणी करते थे. वह कई सहकर्मियों की आलोचना भी करते थे.

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अरविंद मदान, फोटो - ट्विटर अकाउंट से
अरविंद मदान, फोटो - ट्विटर अकाउंट से

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ब्रिटेन की सरकारी सहायता प्राप्त नेशनल हेल्थ सर्विस (एनएचएस) के सबसे वरिष्ठ डॉक्टरों में से एक अरविंद मदान को देश भर में छोटे स्तर पर होने वाली सामान्य शल्य चिकित्सा के बंद होने पर अपनी एक विवादित ऑनलाइन टिप्पणी के बाद इस्तीफा देने के लिये बाध्य होना पड़ा.

भारतीय मूल के डॉक्टर को छद्मनाम (फर्जी नाम) से की गई एक ऑनलाइन टिप्पणी पर विवाद खड़ा होने के बाद एनएचएस इंग्लैंड के प्राथमिक देखभाल निदेशक के पद से इस्तीफा देना पड़ा. उनकी ऑनलाइन पोस्ट को लेकर साथी डॉक्टरों ने विरोध व्यक्त किया था.

चिकित्सा जर्नल ‘पल्स टुडे’ की वेबसाइट पर ‘डेविल्स एडवोकेट’ के छद्म नाम से कई सालों से लिख रहे मदान अकसर एनएचएस इंग्लैंड की नीतियों के पक्ष में बोलते रहे हैं.

पत्रिका के पाठकों को उस वक्त उनकी असली पहचान का पता चला जब उन्होंने ‘‘डेविल्स एडवोकेट’’ छद्मनाम से लिखे अपने लेख पर अपने असली नाम से स्पष्टीकरण दे दिये. उन्होंने रविवार को स्वीकार किया कि वह छद्मनाम से ‘पल्स टुडे’ वेबसाइट पर भड़काऊ टिप्पणी करते थे. उन्होंने अपने इस्तीफे में सहकर्मियों का भरोसा तोड़ने के लिये उनसे माफी मांगी.

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