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अशरफ गनी, शेख हसीना, गोटबाया राजपक्षे और अब बशर... तख्तापलट के बाद देश छोड़ने को मजबूर हुए ये नेता

इससे पहले बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी भी तख्तापलट के बाद देश छोड़कर फरार हो गए थे और अन्य देश में शपथ ली थी.

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गोटाबाय राजपक्षे, शेख हसीना और अशरफ गनी
गोटाबाय राजपक्षे, शेख हसीना और अशरफ गनी

सीरिया में कुछ हफ्तों के विद्रोह के बाद आखिरकार तख्तापलट हो गया है. इस विद्रोह के बाद राष्ट्रपति बशर अल असद ने देश छोड़ दिया और अपने परिवार के साथ रूस में शरण ली. उन्हें मानवीय आधार पर राष्ट्रपति पुतिन ने शरण भी दे दी. है. लेकिन अपदस्थ राष्ट्रपति असद इकलौते ऐसे राष्ट्रप्रमुख नहीं हैं, जिन्होंने तख्तापलट के बाद किसी दूसरे देश में शरण ली है. 

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इससे पहले बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी भी तख्तापलट के बाद देश छोड़कर फरार हो गए थे और अन्य देश में शपथ ली थी. पहले शुरुआत करते हैं अफगानिस्तान में तख्तापलट से.

अमेरिकी फौजों की 2021 में अफगानिस्तान से वापसी के बाद तालिबान ने देश पर कब्जा कर लिया था. लेकिन इसस पहले ही अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने देश छोड़ दिया था. वह 2014 से 2021 तक मुल्क के राष्ट्रपति रहे थे. लेकिन तालिबान की वजह से उन्हें देश छोड़ना पड़ा. पहले बताया जा रहा था कि वह ताजिकिस्तान पहुंचे थे, लेकिन बाद में पता चला कि वह संयुक्त अरब अमीरात (UAE) पहुंचे थे. यूएई सरकार ने मानवीय आधार पर राष्ट्रपति अशरफ गनी और उनके परिवार का देश में स्वागत किया था.

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जब तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा किया, तो काबुल एयरपोर्ट पर भी भारी अराजकता देखी गई. एयरपोर्ट पर अफरातफरी का माहौल था, भारी भीड़ उमड़ पड़ी थी, और लोग देश छोड़कर जाना चाह रहे थे. हालांकि, ऐसा सबके लिए मुमकिन नहीं हो पा रहा था. फिर कुछ ऐसी तस्वीरें सामने आईं, जो दुनिया भर में फैल गईं और अफगानिस्तान की स्थिति को बयां कर दीं.

2001 से ही तालिबान अमेरिका समर्थित अफगान सरकार से जंग लड़ रहा है. अफगानिस्तान में तालिबान का उदय भी अमेरिका के प्रभाव से कारण ही हुआ था. लेकिन 20 साल बाद काबुल में तालिबान की हुकूमत कायम होने के साथ ही उसने अफगान सरकार के आखिरी किले पर भी जीत हासिल कर ली थी. 

श्रीलंका के राष्ट्रपति ने भी छोड़ा था देश

पड़ोसी मुल्क श्रीलंका में 2022 में आर्थिक संकट की वजह से राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे को देश छोड़कर भागना पड़ा था. बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी और गरीबी की वजह से गुस्साई आम जनता ने राष्ट्रपति भवन पर कब्जा कर लिया था. उस समय भी प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति भवन में घुसकर तोड़फोड़ की थी. 2022 श्रीलंका का राजनीतिक संकट राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे और श्रीलंका के लोगों के बीच सत्ता संघर्ष के कारण उत्पन्न हुआ था. 

नाराज प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति भवन पर कब्जा कर लिया था, और राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे को देश छोड़कर भागना पड़ा था. उस समय, प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति भवन में घुसकर तोड़फोड़ की थी.

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शेख हसीना देश छोड़कर भारत पहुंची थीं

बांग्लादेश के पीएम हाउस की भी तस्वीरें सामने आई धीं. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कई फुटेज वायरल हुए थे, जिनमें प्रदर्शनकारियों को पीएम हाउस के बेडरूम में आराम करते देखा गया.

प्रदर्शनकारियों को पीएम हाउस के लॉन में टहलते और सामान लूटते भी देखा गया. एक वीडियो में कुछ लोग पीएम हाउस के किचन से चिकन उठाकर खाते हुए दिख रहे थे. इससे पहले शेख हसीना अपनी बहन के साथ ढाका से सीधे भारत पहुंच गईं. वह बीते पांच महीनों से भारत में ही शरण लिए हुए हैं.

बता दें कि सीरिया इस फेहरिस्त में चौथा ऐसा देश है, जहां विद्रोहियों के कब्जे के बाद राष्ट्रपति देश छोड़कर फरार हो चुका है. इस बीच सीरिया से ऐसी कई तस्वीरें और वीडियो सामने आए, जिसमें लोगों को राष्ट्रपति भवन के भीतर लूटपाट करते और हुड़दंग मचाते देखा गया. 

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