नेपाल में मंगलवार को आए भूकंप में अब तक 57 लोगों की मौत हो गई और 1,129 लोग घायल हो गए. 25 अप्रैल को आए विनाशकारी भूकंप के बाद दोबारा आए इस जोरदार भूकंप से लोगों में दहशत का माहौल है.
भूकंप का भारत में भी काफी असर हुआ है. बिहार और उत्तर प्रदेश में कुल मिलाकर 17 लोगों की मौत हो गई. भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 7.3 मापी गई और इसका केंद्र कोदारी था, जहां से दोलखा की दूरी 130 किलोमीटर है. इस हादसे में दरारों वाली इमारतें भरभराकर कर धराशायी हो गईं, भूस्खलन से सड़कों में दरारें पड़ गईं.
नेपाली गृह मंत्रालय के प्रवक्ता लक्ष्मी प्रसाद ढकाल ने बताया कि हादसे में दोलखा में 19, सिंधुपालचौक में पांच, काठमांडू में चार, सिंधूली में दो तथा ललिलपुर, सुंसरी, रौथात, धनुषा तथा सरलाही में एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई.
मारे गए दो अन्य लोगों का विवरण अभी तक प्राप्त नहीं हुआ है. भूकंप के झटकों से आतंकित लोग अपने घरों व दफ्तरों से निकलकर खुले स्थान में पहुंच गए. एक चश्मदीद ने बताया, 'यह डरावना था. यह पिछली बार से भी अधिक बदतर था.'
मोदी ने दिया मदद का आश्वासन
नेपाल के प्रधानमंत्री सुशील कोईराला ने कहा कि सरकार ने तलाशी, राहत व बचाव दलों को प्रभावित इलाकों में तैनात कर दिए हैं. वहीं उनके भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी ने आश्वस्त किया है कि उन्होंने अधिकारियों को बचाव व राहत अभियानों के लिए अलर्ट रहने का निर्देश दिया है.
प्रधानमंत्री कार्यालय के एक ट्वीट के मुताबिक, 'एक उच्चस्तरीय बैठक में मोदी ने नेपाल और भारत के हिस्सों में आए भूकंप पर हालात का जायजा लिया.' भारत मौसम विभाग के प्रमुख एल.एस.राठौड़ ने कहा कि कुछ सप्ताह या महीनों तक आफ्टरशॉक जारी रहेंगे.
भूकंप के झटके भारत की राजधानी दिल्ली, लखनऊ, जयपुर, अमृतसर, कोलकाता और पूर्वोत्तर के शहरों गुवाहाटी में भी महसूस किए गए. यहां तक कि दक्षिण के शहर कोच्चि में भी झटके महसूस किए गए.
झटकों के बाद काठमांडू में बिजली व इंटरनेट सेवा ठप हो गई. इस दौरान लोग मोबाइल फोन से अपनों से संपर्क करते दिखे, लेकिन उसने भी काम करना बंद कर दिया. मोबाइल नेटवर्क जाम हो गया.
काठमांडू हवाईअड्डे को अस्थायी तौर पर बंद कर दिया गया, क्योंकि एटीसी के कर्मचारी टावर के बाहर निकल गए.
बिहार में काफी नुकसान
पटना के पास दानापुर में एक निर्माणाधीन दीवार गिर जाने से एक मजदूर की मौत हो गई, वहीं सीवान जिले में एक बच्चे की मौत हो गई. दरभंगा जिले के मनिगाछी में दो बच्चे और सीतामढ़ी जिले के डुमरा में एक महिला की मौत हो गई.
वैशाली, नवादा तथा सारण जिले में एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई. भोजपुर जिले के बिहियां में एक सरकारी माध्यमिक विद्यालय में कक्षा से निकलने के प्रयास में आधा दर्जन से अधिक छात्राएं घायल हो गईं.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अधिकारियों को क्षति का आकलन करने को कहा है, हालांकि उन्होंने केवल छह लोगों के मारे जाने की पुष्टि की है. लेकिन उन्होंने कहा कि 15 लोगों के मारे जाने की सूचना मिली है, जिसकी अधिकारियों को पुष्टि करने के लिए कहा गया है.
UP में भी हड़कंप
वहीं, उत्तर प्रदेश में दो लोगों की मौत हो गई, जबकि आधा दर्जन लोग घायल हो गए. हमीरपुर में एक मजदूर की मौत हो गई, वहीं संबलपुर में एक लड़की की मौत हो गई. अंबेडकर नगर में एक दीवार गिर जाने से दो बच्चे घायल हो गए.
लखनऊ में भूकंप के झटके महसूस होते ही मुख्यमंत्री अखिलेश के कार्यक्रम में अफरा-तफरी मच गई. उन्हें तुरंत सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया.
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद, दुर्गापुर, सिलिगुड़ी जिले सहित राज्य के विभिन्न हिस्सों में भूकंप के झटकों के मद्देनजर, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है.
नेपाल में अब तक पांच भूकंप आ चुके हैं. इनकी तीव्रता 7.9 से लेकर 4.8 के बीच रही. नेपाल के डिप्टी पीएम प्रकाश मान सिंह ने बताया कि सिंधुपाल चौक में कई इमारतें ढह गई हैं. कई क्षेत्रों में सड़कें ब्लॉक हो गई हैं. इसके अलावा काठमांडू में भी कई इमारतों के गिर गईं. भूकंप के दौरान नेपाल में 3 बड़े भूस्खलन भी हुए.
दोपहर 12:35 और 1:10 पर आए झटके
दोपहर 12:35 के करीब दिल्ली एनसीआर में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. कुछ देर बाद 1 बजकर 10 मिनट पर दोबारा भूकंप आया. इस बार धरती करीब डेढ़ मिनट तक कांपती रही. याद रहे कि नेपाल में 25 अप्रैल को महाभूकंप में हजारों लोगों ने अपनी जान गंवाई थी. दिल्ली सचिवालय बिल्डिंग को खाली कराया गया. नेपाल भारत के अलावा बांग्लादेश और पाकिस्तान में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए. लोग बदहवासी में दौड़ते हुए अपने दफ्तर और घरों से बाहर निकले.
मौसम विभाग के मुताबिक, आने वाले दिनों में भूकंप के और झटके आ सकते हैं, हालांकि यह झटके छोटे होंगे. मौसम विभाग के महानिदेशक ने कहा कि भूकंप के 'आफ्टर शॉक' आने की आशंका है.
दोपहर बाद 12.40 बजे आए भूंकप के बाद इमारतों के धराशायी होने से हर तरफ धूल उड़ रही थी. भूकंप का केंद्र माउंट एवरेस्ट के निकट कोडारी में था. यह काठमांडू से 100 किलोमीटर पूर्वोत्तर में स्थित है. एक बार फिर आए भूकंप ने 25 अप्रैल के विनाशकारी मंजर की यादें ताजा कर दी.
भूकंप के आते ही काठमांडू में बिजली गुल हो गई. अप्रैल में आए भूकंप के बाद बेहद मुश्किल से बिजली व्यवस्था बहाल हो पाई थी. इंटरनेट संपर्क भी बंद हो गया. इस दौरान लोग मोबाइल फोन से अपनों से संपर्क करते दिखे, लेकिन उसने भी काम करना बंद कर दिया. मोबाइल नेटवर्क जाम हो गया.
काठमांडू में दोपहर 2 बजकर 30 मिनट तक सभी उड़ाने रद्द कर दी गईं थी. 2 घंटे बाद इसे वापस बहाल कर दिया गया. नेपाल में 5, अफगानिस्तान में एक भूकंप आया. अफगानिस्तान में 6.9 की तीव्रता का भूकंप आया.
इसके अलावा छत्तीसगढ़ के बिलासपुर और अंबिकापुर में भूकंप के झटके महसूस किए गए. वहीं नेपाल के काठमांडू में तेज भूकंप के झटके महसूस किए गए. नॉर्थ ईस्ट के कुछ इलाकों में भी भूकंप के झटके महसूस किए जाने की खबर आ रही है. दिल्ली मेट्रो ट्रेन को भी रोक दिया गया.
भूकंप झटकों पर गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, 'मैं दफ्तर जा रहा हूं और वहां एनडीआरएफ अधिकारियों के साथ बैठक करूंगा. पैनिक करने की जरूरत नहीं है. एनडीआरएफ टीम अलर्ट पर है.'
उस समय में भी उत्तर भारत के कई इलाकों में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. बिहार के पटना समेत दिल्ली एनसीआर, कोलकाता लखनऊ में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे.
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(इनपुट: IANS)