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हूती विद्रोहियों के खिलाफ UAE को मदद, अमेरिका ने भेजे फाइटर जेट

यमन के हूती विद्रोहियों ने संयुक्त अरब अमीरात को निशाना बनाया है. लेकिन देश को संकट से बचाने के लिए अमेरिका आगे आया है. इसके चलते अमेरिका ने यूएई में फाइटर जेट F-22 का बेड़ा भेजा है. जबकि 2 हजार सैनिकों की तैनाती की गई है.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • अबू धाबी के अल डफरा एयर बेस पर उतारे फाइटर जेट
  • यमन के हूती विद्रोहियों ने यूएई को बनाया था निशाना

अमेरिका इन दिनों यूक्रेन संकट के बीच हूती विद्रोहियों से भी जूझ रहा है. दरअसल यमन के हूती विद्रोहियों ने संयुक्त अरब अमीरात (UAE) पर हवाई हमला कर दिया. ऐसे में संयुक्त अरब अमीरात की सुरक्षा के लिए अमेरिका ने शनिवार को अपने फाइटर जेट F-22 का बेड़ा यहां भेजा है. बता दें कि ये फाइटर जेट अबू धाबी के अल डफरा एयर बेस पर उतारे गए हैं.

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हाल ही में यमन के हूती विद्रोहियों ने संयुक्त अरब अमीरात को निशाना बनाया था. विद्रोहियों ने देश पर मिसाइलें दागीं. इसके बाद अमेरिका ने यूएई की मदद के लिए हाथ बढ़ाया है. बता दें कि फिलहाल यूएई में 2 हजार सैनिक तैनात हैं. अमेरिकी सैनिकों ने पिछले महीने हूती विद्रोहियों के हमलों के जवाब में पैट्रियट इंटरसेप्टर मिसाइलों (Patriot Interceptor Missiles) को लॉन्च किया था. 

अमेरिकी वायु सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल ग्रेग गिलोट ने कहा कि रैप्टर्स की उपस्थिति पहले से ही मजबूत साझेदार राष्ट्र की सुरक्षा को मजबूत करेगी. साथ ही देश में अस्थिरता पैदा करने वाली ताकतों से भी निपटेगी. उन्होंने कहा कि अमेरिका अपने सहयोगी देशों में शांति और स्थिरता को कायम रखने के लिए प्रतिबद्ध है. हालांकि अमेरिकी अधिकारियों ने यह बताने से इनकार कर दिया है कि कितने F-22 यूएई में भेजे गए हैं. 

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हमले में 3 लोगों की मौत, 6 घायल 


बता दें कि हूती विद्रोहियों ने पिछले महीने अबू धाबी को निशाना बनाते हुए 3 हमले किए थे. जिसमें एक फ्यूल डिपो को निशाना बनाया गया था. इस हमले में लोग मारे गए थे जबकि 6 लोग घायल हुए थे. ये हमले तब हुए जब दक्षिण कोरिया और इज़राइल के राष्ट्रपति यूएई के दौरे पर थे.

ड्रोन हमला करने का दावा


वहीं एक इराकी समूह ने इसी महीने की शुरुआत में यूएई को निशाना बनाकर एक ड्रोन हमला करने का दावा किया था. हालांकि अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने इस हमले को रोक लिया था. बता दें कि हूती विद्रोहियों के हमले के बाद अमेरिकी सैनिकों ने यहां मोर्चा संभाल लिया है.

आखिर कौन हैं हूती विद्रोही?


1980 के दशक में हाउतियों का उदय हुआ था. यमन के उत्तरी क्षेत्र में शिया इस्लाम की एक शाखा जायडिज्म का आदिवासी संगठन बना. हाउति विद्रोही उत्तरी यमन में सुन्नी इस्लाम की सलाफी विचारधारा के विस्तार का विरोध करता है. 2000 के दशक में हाउतियों ने अपनी सेना बना ली. रिपोर्ट के मुताबिक, 2004 से 2010 के बीच हाउति विद्रोहियों ने सालेह की सेना से 6 बार युद्ध किया था. 
 

 

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