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अफगानिस्तान: काबुल यूनिवर्सिटी में आतंकी हमला, 20 की गई जान, PM मोदी ने की निंदा

गृह मंत्रालय के प्रवक्ता तारिक आरियान ने इस हमले में हताहत हुए लोगों की संख्या को लेकर कुछ भी स्पष्ट जवाब नहीं दिया है.

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काबुल विश्वविद्यालय पर आतंकी हमला (फोटो-पीटीआई)
काबुल विश्वविद्यालय पर आतंकी हमला (फोटो-पीटीआई)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • हमलावरों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़
  • कई घंटे तक दोनों ओर से चलती रही गोलीबारी
  • सुरक्षाकर्मियों ने तीनों हमलावरों को मार गिराया

अफगानिस्तान के काबुल यूनिवर्सिटी में सोमवार को बंदूकधारी हमलावरों और सुरक्षाबलों के बीच कई घंटे तक मुठभेड़ चली. शुरुआती जानकारी के मुताबिक इस मुठभेड़ में 25 लोग हताहत हुए हैं, जबकि कई अन्य के घायल होने की बात कही गई है. दरअसल यूनिवर्सिटी में बुक फेयर लगाया गया था. इस दौरान वहां पर ईरान के राजदूत भी पहुंचे थे. वहीं पीएम मोदी ने ट्वीट कर हमले की निंदा की है. 

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, 'मैं काबुल यूनिवर्सिटी पर हुए कायराना आतंकी हमले की कड़ी निंदा करता हूं. मृतकों के परिजनों और घायलों के प्रति हमारी संवेदनाएं. हम आतंकवाद के खिलाफ अफगानिस्तान के साहसी संघर्ष का समर्थन जारी रखेंगे.'

गृह मंत्रालय के प्रवक्ता तारिक आरियान ने इस हमले में हताहत हुए लोगों की संख्या को लेकर कुछ भी स्पष्ट जवाब नहीं दिया है. हालांकि स्थानीय मीडिया के अनुसार 20 लोगों की जानें गई हैं. 

गृह मंत्रालय के प्रवक्ता आरियान के अनुसार इस हमले में तीन हमलावर शामिल थे. मुठभेड़ के दौरान सुरक्षाबलों ने तीनों हमलावरों को मार गिराया है. बाद में तालिबान ने भी इस हमले को लेकर एक बयान जारी किया. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस हमले में उनकी कोई भूमिका नहीं है. 

यह हमला ऐसे वक्त हुआ है जब विद्रोहियों की अमेरिका समर्थित सरकार के साथ शांति वार्ता चल रही है. हालांकि, कतर में हो रही इस बातचीत का लक्ष्य अमेरिका को उसकी सबसे लंबी लड़ाई से निकलने में मदद पहुंचाना है. लेकिन रोजाना खून खराबा जारी है. इस्लामिक स्टेट से जुड़े एक संगठन ने देश में शियाओं पर हमला शुरू कर दिया है. पांच घंटे तक चली मुठभेड़ के दौरान छिटपुट ग्रेनेड विस्फोट और यूनिवर्सिटी के आसपास की सड़कों पर स्वचालित हथियारों से गोलीबारी की आवाज सुनाई दे रही थी.

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उधर, अफगान सुरक्षाकर्मियों ने भी मोर्चा संभाल रखा था. विद्यार्थियो को अपनी जान बचाने के लिए वहां से भागते हुए देखा गया. आरियान ने कहा कि दुर्भाग्य से लोग हताहत हुए, लेकिन उन्होंने ब्योरा नहीं दिया.

यूनिवर्सिटी के छात्र अहमद शमीम ने बताया कि उसने पिस्तौल और कलाशनिकोव राइफलों से लैस आतंकवादियों को गोलियां चलाते देखा. उसके अनुसार यूनिवर्सिटी के पूर्वी भाग से हमला हुआ जहां कानून एवं पत्रकारिता विभाग की पढ़ाई होती है.

अफगान मीडिया ने खबर दी है कि घटना के समय यूनिवर्सिटी में पुस्तक प्रदर्शनी चल रही थी और गोलीबारी के वक्त विशिष्ट व्यक्तियों समेत कई लोग प्रदर्शनी में थे. अफगान अधिकारियों ने पुस्तक मेले की चर्चा नहीं की लेकिन ईरान की अर्धसरकारी इसना संवाद समिति ने रविवार को खबर दी थी कि ईरान के राजदूत बहदोर आमिनियन और सांस्कृतिक अताशे मोजतबा नोरूजी इस मेले का उद्घाटन करने वाले थे, जहां 40 ईरानी प्रकाशकों को हिस्सा लेना है. 

ईरानी टीवी ने खबर दी कि हमला हुआ लेकिन उसने अपने अधिकारियों के बारे में सूचना नहीं दी. किसी भी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है. तालिबान ने एक बयान में कहा कि इस हमले में उसका हाथ नहीं है. वैसे शक की सूई इस्लामिक स्टेट की ओर जा रही है. पिछले महीने ही इस्लामिक स्टेट ने राजधानी के शिया बहुल दश्त-ए-बार्ची के एक शिक्षण केंद्र में आत्मघाती बम हमलावर भेजा था, जिसके हमले में 24 विद्यार्थियों की मौत हो गई थी और 100 से अधिक घायल हुए थे. अफगानिस्तान में इस्लामिक स्टेट से संबद्धित संगठन ने शिया मुसलमानों के खिलाफ युद्ध का ऐलान कर रखा है.

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