कोरोना वायरस का प्रकोप अभी थमा नहीं है और इसके नए वरिएंट चिंता को और ज्यादा बढ़ाने वाले साबित हो रहे हैं. पूरी दुनिया में अभी कोरोना का डेल्टा वेरिएंट तेजी से पैर पसार रहा है. जिस वेरिएंट ने पहले भारत में दूसरी लहर के दौरान भारी तबाही मचाई, अब वहीं वेरिएंट ऑस्ट्रेलिया के लिए खतरा बन गया है. सिडनी में इस समय रिकॉर्डतोड़ कोरोना के मामले दर्ज किए जा रहे हैं.
ऑस्ट्रेलिया में कोरोना का कहर
सिडनी में कोरोना की स्थिति इतनी भयावह रूप ले चुकी है कि अब अस्पतालों में बेड की कमी होने लगी है. उस कमी को दूर करने के लिए प्रशासन आउटडोर टेंट बनाने को मजबूर हो गया है. अब उन टेंट में भी कोविड मरीजों का इलाज किया जाएगा. पिछले 24 घंटे की बात करें तो सिडनी में कोरोना के 1,029 नए मामले सामने आए हैं. इसमें भी ग्रेटर सिडनी में अकेले 838 मामले दर्ज किए गए हैं.
ऑस्ट्रेलिया में कोरोना मामलों का तेजी से बढ़ना इसलिए भी चिंता का विषय है क्योंकि यहां पर तेज गति से टीकाकरण किया गया है. आंकड़े बताते हैं कि 16 साल से ऊपर के 32 प्रतिशत लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी हैं, वहीं 54 प्रतिशत ऐसे हैं जिन्हें पहली डोज मिल गई है. ऐसे में ऑस्ट्रेलिया के पास टीका का एक बड़ा कवच है लेकिन इस सब के बावजूद भी डेल्टा वेरिएंट अपना कहर दिखा रहा है. ये पूरी दुनिया और WHO को चिंता में डाल रहा है.
टेंट में मरीजों का इलाज
जानकारी दी गई है कि ऑस्ट्रेलिया ने कोरोना से निपटने के लिए पिछले साल से ही तैयारी शुरू कर दी थी. 2000 से ज्यादा वेंटिलेटर तैयार रखे गए थे. लेकिन अब जब डेल्टा की वजह से मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, तब प्रशासन को भी लग रहा है कि स्वास्थ्य सेवाओं पर दवाब जरूरत से ज्यादा है. कहा गया है कि इमरजेंसी सेवाओं को बढ़ाया जा रहा है लेकिन चुनौती काफी ज्यादा बड़ी है जिस वजह से ऑस्ट्रेलिया में अब कोरोना स्थिति बेकाबू होती दिख रही है.
इस समय ऑस्ट्रेलिया के कई इलाकों में सख्त पाबंदी लगा दी गई है. लोगों को घर में रहने का फरमान सुना दिया गया है. मेलबर्न में भी स्थिति विस्फोटक बनी हुई है. वहां भी पाबंदियों का दौर शुरू हो चुका है.