1 जुलाई को ऑस्ट्रेलिया से आई एक खबर ने भारतीय छात्रों को तगड़ा झटका दिया है. ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने स्टूडेंट वीजा की फीस में इजाफा कर दिया है, जिससे दूसरे देश से ऑस्ट्रेलिया जाने वाले छात्रों पर इसका असर पड़ेगा. ऑस्ट्रेलिया में वीजा की फीस 710 डॉलर से बढ़ाकर 1600 डॉलर कर दी गई है. अगर इसको भारतीय मुद्रा के हिसाब से देखें तो जहां पहले भारतीय छात्रों को लगभग 59,277 रुपये देने पड़ते थे, वहीं अब उन्हें इसके लिए 133,584 रुपये चुकाना होगा.
ऑस्ट्रेलिया की फेडरल सरकार ने स्टूडेंट वीजा (Student Visa) की फीस में बढ़ोतरी करते हुए कहा कि इससे देश के राजस्व में इजाफा होगा, जिससे शिक्षा के क्षेत्र में प्रगति होगी. साथ ही ग्रेजुएशन के छात्रों को कर्ज की रकम में भी कमी आएगी. साथ ही जो नए छात्र हैं उनको भी सहायता मिलेगी. शिक्षा मंत्री जेसन डीन क्लेयर ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा हमारे लिए अत्यंत महत्वपूर्ण राष्ट्रीय वैभव है और हमें इसकी अखंडता और गुणवत्ता को सुनिश्चित करने की जरूरत है.
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ऑस्ट्रेलिया में भारतीय छात्रों की संख्या
भारतीय उच्चायोग (Indian High Commission) के अनुसार, ऑस्ट्रेलिया में भारतीय छात्रों की संख्या अगस्त 2023 में 120,277 थी. वहीं साल 2022 में भी एक लाख से ज्यादा भारतीय स्टूडेंट्स ऑस्ट्रेलिया पढ़ाई करने के लिए गए थे. इससे पहले भी भारतीय छात्रों की पसंद कैनबरा (ऑस्ट्रेलिया की राजधानी) रही है, लेकिन वहां की सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले के बाद कई छात्रों का ऑस्ट्रेलिया जाकर पढ़ने का सपना टूट सकता है.
हालांकि, काउंसिल ऑफ इंटरनेशनल स्टूडेंट्स ऑस्ट्रेलिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष येगानेह सोल्टनपुर ने इस निर्णय की निंदा की और कहा कि फीस वृद्धि की वजह से अंतर्राष्ट्रीय छात्रों पर अतिरिक्त आर्थिक दबाव पड़ेगा. उन्होंने आगे कहा कि पढ़ाई के लिए इतना पैसा खर्च करने के बाद भी अगर नौकरी नहीं मिलती है तो ये दुख और चिंता की बात है. यही वजह है कि अब छात्र ऑस्ट्रेलिया के अलावा दूसरे देशों में भी अपना विकल्प देख रहे हैं.
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'पड़ोसियों के साथ संबंधों पर पड़ेगा असर'
ऑस्ट्रेलिया के अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा संघ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी फिल हॉनीवुड (Phil Honeywood) ने मीडिया से कहा कि यह घोषणा अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा क्षेत्र के लिए आखिरी झटका है. साथ ही कहा कि हम 48 बिलियन अमेरिकी डॉलर को खोने का खतरा भी उठा रहे हैं, इसके अलावा ये कदम हमारे इंडो-पैसिफिक पड़ोसियों के साथ संबंधों पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालेगा.