ऑस्ट्रेलियाई खुफिया एजेंसी के प्रमुख ने कनाडा के भारत पर लगाए आरोपों पर अपनी सहमति जताई है. कनाडा के लगाए आरोपों के एक महीने बाद ऑस्ट्रेलियाई सुरक्षा खुफिया संगठन (ASIO) के निदेशक माइक बर्गेस ने कहा है कि कनाडा के दावों पर विवाद करने की कोई वजह नहीं है. उन्होंने यह टिप्पणी अमेरिका के कैलिफोर्निया में आयोजित पांच देशों की खुफिया संगठन फाइव आईज की एक ऐतिहासिक बैठक में की.
फाइव आईज के पांच देश- ऑस्ट्रेलिया कनाडा, अमेरिका, ब्रिटेन और न्यूजीलैंड हैं. सदस्य देश एक-दूसरे से महत्वपूर्ण खुफिया जानकारी साझा करते हैं और सुरक्षा प्रयासों में भी सहयोग करते हैं.
फाइव आईज के सदस्य कनाडा के भारत पर लगाए आरोपों को लेकर एक सवाल के जवाब में बर्गेस ने कहा, 'इस मामले में कनाडाई सरकार ने जो कहा है, उस पर सवाल उठाने की कोई वजह नहीं है.'
एबीसी न्यूज ने बर्गेस के हवाले से लिखा, 'इसमें कोई संदेह नहीं है कि अगर किसी देश पर दूसरे देश के नागरिक की हत्या का आरोप लगता है तो यह एक गंभीर आरोप है. यह एक ऐसा काम है जो हम नहीं करते और बाकी देशों को भी ऐसा कोई काम नहीं करना चाहिए.'
'ऑस्ट्रेलिया में चरमपंथियों को भारत ने निशाना बनाया तो...'
रिपोर्ट में एक सूत्र के हवाले से लिखा गया कि पिछले महीने नई दिल्ली में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन में बर्गेस को इस मामले की जानकारी दी गई थी.
जब बर्गेस से यह पूछा गया कि क्या ऑस्ट्रेलिया भारतीय एजेंटों का अगला निशाना हो सकता है, बर्गेस ने कहा, 'यहां ऐसा होगा या नहीं, मैं सार्वजनिक रूप से अटकलें नहीं लगाऊंगा क्योंकि मुझे लगता है कि यही उचित है.'
बर्गेस ने आगे कहा, 'मैं आपको आश्वस्त जरूर कर सकता हूं कि जब हमें ऐसा कुछ पता चलता है कि दूसरे देश की सरकारें हमारे देश में हस्तक्षेप कर रही हैं या इसकी योजना बना रही हैं तो हम उससे प्रभावी ढंग से निपटेंगे.'
बर्गेस से यह भी पूछा गया कि क्या उन्हें लगता है कि ऑस्ट्रेलिया के चरमपंथियों को भारत सरकार से डरने की कोई जरूरत है, इस पर उन्होंने कहा, 'इस सवाल का जवाब तो आपको उन्हीं से (भारत से) पूछना चाहिए.'
बर्गेस ने यह भी कहा कि लोगों को छिपकर या धोखे से नुकसान पहुंचाने और दूसरों के मामले में हस्तक्षेप का काम देशों का नहीं है और अगर ऐसा कुछ होता है तो ऑस्ट्रेलिया कार्रवाई करेगा.
पिछले महीने ट्रूडो ने भारत पर लगाए थे आरोप
पिछले महीने 18 जून को कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर आरोप लगाया था कि निज्जर की हत्या में भारत सरकार के एजेंटों का हाथ था. भारत ने कनाडा के इस आरोप को बेतुका कहते हुए खारिज कर दिया था. इस आरोप के बाद दोनों ही देशों में राजनयिक तनाव चरम पर पहुंच गया है. दोनों देशों ने एक-दूसरे के कई राजनयिकों को वापस भेज दिया है.
निज्जर को भारत ने 2020 में आतंकवादी घोषित किया था. जून 2023 में ब्रिटिश कोलंबिया में दो नकाबपोश बंदूकधारियों ने गोली मारकर उसकी हत्या कर दी थी.