एक आस्ट्रेलियाई खुफिया एजेंसी ने आगाह किया है कि ब्रिस्बेन में आयोजित होने वाले समूह 20 शिखर सम्मेलन को साइबर अपराधी अपना निशाना बना सकते हैं. एजेंसी के अनुसार इस हमले में राज्य-समर्थित हैकर, कारोबारी जासूस या ऐक्टिविस्ट हो सकते हैं.
दुनिया भर के प्रमुख देशों के नेता 15-16 नवंबर को समूह 20 शिखर सम्मेलन के लिए क्वीन्सलैंड की राजधानी ब्रिस्बेन जाने की तैयारी कर रहे हैं. खबर है कि ऑस्ट्रेलियन सिग्नल्स डाइरेक्टरेट (एएसडी) उद्योगों को खतरे की जानकारी दे रहा है.एएसडी ने अपनी साइबर-सुरक्षा हिदायत में कहा, ‘राज्य प्रायोजित या अन्य विदेशी दुश्मनों, साइबर-अपराधियों और मुद्दों से प्रेरित समूहों की ओर से समूह 20 जैसे बड़े कार्यक्रमों को निशाना बनाने का वास्तविक खतरा है.’ आस्ट्रेलियाई खुफिया एजेंसी ने बताया कि कंप्यूटर नेटवर्कों को संक्रमित करने और सूचना पाने की कोशिश की गई है. इसके लिए 2012 और 2013 में आयोजित शिखर सम्मेलन से संबंधित प्रतीत होने वाले संक्रमित ईमेल ऑस्ट्रेलिया सरकार की एजेंसियों के पास भेजे गए.
इस बीच सीआरईएसटी ऑस्ट्रेलिया ने आज कहा कि हैकरों की मंशा अलग अलग हो सकती है. ग्रेग रड ने ऑस्ट्रेलियन ब्रॉडकास्टिंग कारपोरेशन को बताया, ‘वे मिसाल के तौर पर बस ट्रैफिक लाइट सिस्टम में प्रवेश करना और उसे भंग करना चाहते हैं.’ रड ने कहा कि हैकरों ने अपने हमलों को छिपाने की भी कोशिश की और यह पता लगाना कठिन कर दिया कि ये हमले कहां से हो रहे हैं. सीआरईएसटी ऑस्ट्रेलिया व्यक्तियों और कारोबारों को साइबर एवं सूचना सुरक्षा प्रदान करती है. हाल ही में साइबर हमलों का शिकार भारत की भी कई प्रमुख वेबसाइटों को होना पड़ा था . दुनिया भर के शीर्ष देशों की मुलाकात को साइबर अपराधी बेमजा कर सकते हैं.
(भाषा से प्राप्त इनपुट)