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'PM मोदी को बॉस कहकर पछता रहे हैं?' ऑस्ट्रेलियाई पीएम ने सवाल पर पत्रकारों की बोलती कर दी बंद

कनाडा के भारत पर आरोपों ने हंगामा खड़ा कर दिया है. इस मुद्दे पर अमेरिका के साथ-साथ ऑस्ट्रेलिया ने भी टिप्पणी की है. पत्रकारों ने इस मुद्दे पर ऑस्ट्रेलियाई पीएम एंथनी अल्बानीज से भी सवाल किया जिससे वो बचते दिखे. पत्रकारों ने उनसे यह भी पूछ लिया कि क्या पीएम मोदी को बॉस कहकर वो पछता रहे हैं.

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पीएम मोदी को ऑस्ट्रेलिया में भव्य स्वागत मिला था (Photo- Reuters)
पीएम मोदी को ऑस्ट्रेलिया में भव्य स्वागत मिला था (Photo- Reuters)

कनाडा की सरकार ने भारत सरकार पर खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में शामिल होने के आरोप लगाए हैं जिस पर ऑस्ट्रेलिया ने भी प्रतिक्रया दी है. ऑस्ट्रेलिया ने कहा है कि सभी देशों को एक-दूसरे की संप्रभुता का सम्मान करना चाहिए. इसी संदर्भ में ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज से पत्रकारों ने सवाल किया कि इस साल की शुरुआत में उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को 'बॉस' कहा था, तो क्या अब उन्हें अपने कहे पर अफसोस हो रहा है. जबाव में अल्बानीज ने पत्रकार पर भड़कते हुए कहा कि वे थोड़ा शांत रहें.

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मंगलवार को एक पत्रकार ने ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री से सवाल किया कि कनाडा ने भारत सरकार पर हत्या में संलिप्तता के आरोप लगाए हैं, जब वो जी20 में पीएम मोदी से मिले थे तो क्या उन्होंने इस मुद्दे को व्यक्तिगत तौर पर उठाया था और क्या पीएम मोदी को 'द बॉस' कहने पर उन्हें अफसोस होता है? सवाल सुनकर भड़कते हुए अल्बानीज ने कहा, 'क्या सच में....आप ये पूछ रहे हैं....आपको थोड़ा चिल करने की जरूरत है.'

उन्होंने आगे कहा, 'आप जानते हैं... ऑस्ट्रेलिया के जिस स्टेडियम में पीएम मोदी थे, उससे पहले मैं वहां मशहूर सिंगर ब्रूस स्प्रिंगस्टीन के साथ मौजूद था. मैंने बिल्कुल सही बात कही थी. भारतीय प्रवासियों ने बेहद उत्साह के साथ पीएम मोदी का स्वागत किया था....बहुत उत्साह से... बस इतनी सी बात है. इसलिए मैंने ऑस्ट्रेलिया में पीएम मोदी का स्वागत किया, जैसा कि मैं ऑस्ट्रेलिया में आए बाकी मेहमानों का स्वागत करता हूं.'

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सिडनी के क्यूडोस बैंक एरिना में 20,000 से अधिक लोगों की मौजूदगी में अल्बानीज ने पीएम मोदी का स्वागत किया था. अल्बानीज ने पीएम मोदी का स्वागत करते हुए भीड़ से कहा था, 'मैंने अपने मित्र पीएम मोदी से कहा कि आखिरी बार इस मंच पर ब्रूस स्प्रिंगस्टीन को देखा था और उन्हें भी इतना भव्य स्वागत नहीं मिला जो पीएम मोदी को मिला है. पीएम मोदी बॉस हैं.'

स्प्रिंगस्टीन मशहूर अमेरिकी गायक हैं जिन्हें उनके फैंस बॉस कहकर बुलाते हैं. इसी संबंध में अल्बानीज से सवाल किया गया तो वो पत्रकार पर भड़क गए और उन्हें थोड़ी शांति रखने के लिए कह दिया.

भारत पर लगे आरोपों पर बात करने से बचते दिखे ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री

मंगलवार को मेलबर्न में एक मीडिया कॉन्फ्रेंस में अल्बानीज कनाडा-भारत तनाव के मुद्दे पर बात करने से बचते दिखे. कनाडा के भारत सरकार पर आरोपों को लेकर सवाल पूछे जाने पर अल्बानीज ने कहा, 'मैं एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में फाइव आईज इंटेलिजेंस के बारे में बात नहीं करता, इसे इंटेलिजेंस कहा जाता है क्योंकि हम इस पर अटकलें नहीं लगा सकते.'

ऑस्ट्रेलिया और कनाडा दोनों देश अमेरिका, ब्रिटेन और न्यूजीलैंड के साथ फाइव आईज इंटेलिजेंस शेयरिंग अरेंजमेंट के सदस्य हैं.

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ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने पिछले कुछ सालों में चीन के साथ तनाव को देखते हुए भारत के साथ व्यापार और रक्षा संबंधों को मजबूती देने की कोशिश की है. ऑस्ट्रेलिया सार्वजनिक रूप से भारत के मानवाधिकारों पर भी बोलने से बचता रहा है. रिश्तों को मजबूती देने के मकसद से ही ऑस्ट्रेलिया ने मई के महीने में प्रधानमंत्री मोदी को अपने देश आमंत्रित किया था.

आधिकारिक बयान में ऑस्ट्रेलिया ने क्या कहा?

मंगलवार को ऑस्ट्रेलिया ने एक बयान जारी कर कहा था कि वह भारत सरकार पर कनाडा के आरोपों से बेहद चिंतित है. 

ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, 'मामले को लेकर चल रही जांच में जो आरोप लगाए जा रहे हैं, उसे लेकर ऑस्ट्रेलिया बेहद चिंतित है. ऑस्ट्रेलिया का मानना है कि सभी देशों को एक-दूसरे की संप्रभुता और कानून के शासन का सम्मान करना चाहिए. हम इस मामले को लेकर अपने सहयोगियों के संपर्क में हैं. हमने भारत के शीर्ष अधिकारियों को अपनी चिंताओं से अवगत कराया है.'

प्रवक्ता ने बयान में आगे कहा, 'ऑस्ट्रेलिया इन आरोपों से बेहद चिंतित है और इस मामले में चल रही जांच पर नजर बनाए हुए है.'

बयान में ऑस्ट्रेलिया ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर जोर दिया और ऐसे संकेत दिए वो सरकार शांतिपूर्ण विरोध-प्रदर्शनों में शामिल होने के लोगों के अधिकार का सम्मान करती है.

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कनाडाई पीएम ट्रूडो के बयान से उठा है तूफान

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने सोमवार को कनाडा की संसद में यह बयान देकर तूफान खड़ा कर दिया है कि कनाडा के पास इस बात के विश्वसनीय सबूत है कि जून में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार की संलिप्तता हो सकती है.

ट्रूडो ने कनाडाई संसद, हाउस ऑफ कॉमन्स को बताया कि उन्होंने इस महीने नई दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी के समक्ष इस मुद्दे को उठाया था.

इसके बाद कनाडा ने भारत के एक वरिष्ठ राजनयिक को निष्कासित करने का आदेश दे दिया. कनाडा के आरोपों को भारत ने बेतुका करार देते हुए खारिज कर दिया था. इसी के साथ ही विदेश मंत्रालय ने एक बार फिर कनाडा से आग्रह किया कि 'कनाडा की धरती से संचालित होने वाले सभी भारत विरोधी तत्वों के खिलाफ तुरंत और प्रभावी कार्रवाई' हो. भारत ने भी बदले की कार्रवाई में कनाडा के एक वरिष्ठ राजनयिक को कनाडा वापस जाने का आदेश दिया है.

 

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