परिवार के नन्हे-मुन्नों के लिए दादी-नानी के स्वेटर का कोई तोड़ नहीं है. अपने कोमल हाथों से दादी-नानी जब स्वेटर बुनती हैं तो उसमें भावनाओं की गर्माहट होती है और सर्द मौसम की चुभन जैसे छू मंतर हो जाती है. लेकिन ऑस्ट्रेलिया में एक 'दादाजी' हैं, जो नन्हे स्वेटर बुनने का काम करते हैं. दिलचस्प यह है कि 'दादाजी' अल्फ्रेड की उम्र 109 साल है और उनके 'पोते-पोतियों' के रूप में पेंग्विन की लंबी फौज है.
अल्फ्रेड फिलिप उम्र के उस पड़ाव पर हैं, जब कोई बिस्तर छोड़ने से पहले भी 100 बार सोचता है. लेकिन इसे जानवरों के प्रति प्रेम कहिए या कुछ कर गुजरने की चाहत. वह इस उम्र में भी गोल्फ खेलते हैं और 1930 से लगातार बुनाई का काम कर रहे हैं.
बताया जाता है कि 2013 में विक्टोरिया फिलिप आईलैंड पेंग्विन फाउंडेशन ने जब उनसे संपर्क किया और पेंग्विन के लिए स्वेटर बुनने की पेशकश की तो फिलिप ने कुछ इस अंदाज में 'हां' कहा, जैसे उन्हें इसी का इंतजार था. अब तक कई पेंग्विन को स्वेटर पहना चुके अल्फ्रेड कहते हैं कि जब तक संभव हो सकेगा वह बेजुबान पक्षियों के लिए यह नेक काम करते रहेंगे.