जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) प्रमुख यासीन मलिक ने पाकिस्तान सरकार से कहा कि वह अफजल गुरु को फांसी दिए जाने के बाद मौत की सजा सुनाए गए भारतीय कैदी सरबजीत सिंह के मामले में ‘जल्दबाजी में निर्णय’ ना करे.
राजधानी इस्लामाबाद में अफजल गुरू के लिए ‘गायबाना-नमाज-ए-जनाजा’(अनुपस्थिति में जनाजे की नमाज) से पहले कश्मीरी नेताओं और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए मलिक ने कहा, ‘मैं जानता हूं कि कुछ लोग सरबजीत को फांसी देने की मांग कर रहे हैं. मैं आपसे ऐसी कोई मांग नहीं करने की अपील करता हूं. वह बिल्कुल (अफजल) गुरु की हत्या की भांति होगा.’
मलिक ने कहा, ‘मैं पाकिस्तान सरकार से अपील करता हूं कि वह इस संबंध में जल्दीबाजी में फैसला ना करे.’ भारत के संसद भवन पर वर्ष 2001 में हुए हमले के संबंध में दोषी करार दिए गए अफजल को शनिवार को दिल्ली के तिहाड़ जेल में फांसी दे दी गई.
मुंबई हमलों में शामिल आतंकवादी अजमल कसाब और अफजल को फांसी दिए जाने के बाद से कुछ पाकिस्तानी समूह और मीडिया से जुड़े लोग सरबजीत को फांसी देने की मांग कर रहे हैं.