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नवजात बच्‍ची ने दान कर दीं अपनी किडनी

महज पांच हफ्ते की एक नवजात बच्‍ची अंग दान करने वाली ब्रिटेन की सबसे कम उम्र की डोनर बन गई है. बच्‍ची ने अपनी किडनी देकर एक महिला की जान बचाई.

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समीरा कौसर
समीरा कौसर

महज पांच हफ्ते की एक नवजात बच्‍ची अंग दान करने वाली ब्रिटेन की सबसे कम उम्र की डोनर बन गई है. बच्‍ची ने अपनी किडनी देकर एक महिला की जान बचाई.

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बच्‍ची के दिल ने काम करना बंद कर दिया था और उसकी मौत हो गई, जिसके बाद उसकी किडनियों को समीरा कौसर नाम की एक महिला के शरीर में ट्रांसप्‍लांट कर दिया गया.

22 साल की समीरा कौसर कहती हैं, 'मैं बच्‍ची के माता-पिता की कितनी आभारी हूं इसका बखान मैं शब्‍दों में नहीं कर सकती. अब मैं अपनी जिंदगी जी सकती हूं. यह बहुत बड़ा गिफ्ट है.'

ब्रिटेन के लीड्स शहर के सेंट जेम्‍स यूनिवर्सिटी अस्‍पताल में सात घंटे तक समीरा का ऑपरेशन चला. सर्जन नियाज अहमद के मुताबिक पहले इतने कम उम्र के डोनर के अंगों का इस्‍तेमाल सांस्‍कृतिक तौर पर वर्जित था, लेकिन अब अंग दान करने वालों की कमी के चलते इसमें बदलाव आ रहा है.

आपको बता दें कि बच्‍चा जब पेट में 37 हफ्ते का होता है तब तक किडनी पूरी तरह से विकसित हो चुकी होती है और इसे किसी वयस्‍क के शरीर में ट्रांसप्‍लांट किया जा सकता है.

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अहमद कहते हैं, 'कई सालों तक ऐसा माना जाता था कि इतनी छोटी किडनियां ठीक से काम नहीं कर पाएंगी. इसी के साथ सर्जन भी इतने छोटे बच्‍चे के अंगों का प्रत्‍यर्पण करना ठीक नहीं समझते थे क्‍योंकि उन्‍हें बच्‍चे के माता-पिता से उसके अंग मांगने में भावात्‍मक परेशानी आती थी. लेकिन अब अंगों की इतनी कमी है कि हम इसके लिए तैयार हो गए हैं और इस केस में मुझे उम्‍मीद है कि सबकुछ ठीक रहेगा.'

गौरतलब है कि साल की शुरुआत में इंफेक्‍शन के चलते बच्‍ची की मौत हो गई थी और उसके माता-पिता उसकी किडनियां दान करना चाहते थे. वहीं, समीरा की किडनियां 90 फीसदी खराब हो चुकी थीं और उसे हर रात नौ घंटे तक डायलिसिस मशीन में रहना पड़ता था.

करीब 6 महीने की गहन निगरानी के बाद अब ऑपरेशन को सफल घोषित कर दिया गया है. किडनियां ठीक से काम कर रही हैं और 7 सेंटीमीटर तक बढ़ चुकी हैं.

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