पाकिस्तान और चीन के खिलाफ बलूचिस्तान के लोगों में जबरदस्त आक्रोश है. अब बलोच कार्यकर्ताओं ने बलूचिस्तान में पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम और चीन की ओर से क्षेत्र के प्राकृतिक संसाधनों का दोहन किए जाने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन तेज कर दिया है. बलोच कार्यकर्ता जर्मनी, कनाडा, अमेरिका, स्वीडन, ब्रिटेन, नीदरलैंड और नॉर्वे समेत दुनिया भर में पाकिस्तान के खिलाफ सड़क पर उतर आए हैं.
पाकिस्तानी सेना लंबे समय से बलूचिस्तान के लोगों पर कहर और जुल्म ढहा रही है. बलोचों की आवाज को दबाया जा रहा है और उनको कुचला जा रहा है. बलूचिस्तान की जनता पाकिस्तान से आजादी के लिए आंदोलन चला रही है. इसी कड़ी में फ्री बलूचिस्तान मूवमेंट के कार्यकर्ता जर्मनी की राजधानी बर्लिन समेत कई पश्चिमी देशों में जोरदार प्रदर्शन कर रहे हैं. बर्लिन में प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान के खिलाफ रैली निकाली.
Baloch activists held anti-Pakistan protest in Germany's Berlin, demanding removal of nuclear weapons from Balochistan. pic.twitter.com/9v5JgmA6rL
— ANI (@ANI_news) May 31, 2017
इस दौरान बलोचों के हाथों में पाकिस्तानी विरोधी नारे लिखे बैनर थे. प्रदर्शनकारी बलूचिस्तान से पाकिस्तानी परमाणु हथियारों को हटाने की भी मांग कर रहे हैं. दरअसल, पाकिस्तान ने 28 मई 1998 में बलूचिस्तान के चघाई हिल में परमाणु परीक्षण किया था. इसकी वजह से क्षेत्र की वनस्पतियां नष्ट हो गई थीं और वन्यजीवों को भारी नुकसान हुआ था. साथ ही जहरीले परमाणु एडिएशन से क्षेत्र का वातावरण दूषित हो गया. स्थानीय लोग कई बीमारियों की चपेट में आए गए. बलोचों का कहना है कि पाकिस्तान के परमाणु हथियार बलूचिस्तान समेत दुनिया भर के लिए खतरा हैं.
Lets talk about the brave #DaughtersOfBalochistan. Here is the story of Farzana Majeed Baloch @farzana_majeed . Salute her Courage. pic.twitter.com/fGGpR85XC7
— Baloch Freedom Front (@BalochFreedomF) May 25, 2017
बलोचों ने अमेरिकी सरकार से मांग की गई कि जब तक बलूचिस्तान आजाद नहीं हो जाता है, तब तक अमेरिका पाकिस्तान को मदद देना बंद करे. बलोच कार्यकर्ताओं ने कहा कि अमेरिका समेत दुनिया भर के देशों को बलोचों का समर्थन करना चाहिए. कुर्द की तरह बलोच भी सेकुलर हैं और दुनिया भर में हर तरह के आतंकवाद एवं धार्मिक कट्टरपंथ का विरोध करते हैं.