पाकिस्तान (Pakistan) में बलूच समूहों ने पाकिस्तान और चीन के खिलाफ एक नए हमले का ऐलान किया है. बलूच प्रतिरोध समूह ने हाल ही में सिंधी अलगाववादी समूहों के साथ युद्ध अभ्यास खत्म किया है और बलूच राजी अजाओई संगर या BRAS की एक संयुक्त विज्ञप्ति जारी की गई है, जिसमें एक निर्णायक युद्ध रणनीति का ऐलान किया गया है.
हाई लेवल मीटिंग
BRAS के साथ आने से पाकिस्तान में चीन द्वारा संचालित कई CPEC प्रोजेक्ट्स के लिए बड़ा खतरा पैदा हो गया है. बलूच राजी आजोई संगर (BRAS) की संयुक्त बैठक के बाद एक बयान जारी किया गया है, जिसमें सहयोगी संगठनों- बलूच लिबरेशन आर्मी, बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट, बलूच रिपब्लिकन गार्ड्स और सिंधी लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन सिंधु देश रिवोल्यूशनरी आर्मी के उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडलों ने भाग लिया.
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बयान के मुताबिक, बैठक तीन दिनों तक चली, जिसमें बलूच राष्ट्रीय आंदोलन को निर्णायक चरण में पहुंचाने के लिए अहम फैसले लिए गए. इस मीटिंग में इस बात पर सहमति बनी कि BRAS जल्द ही बलूच राष्ट्रीय सेना का रूप ले लेगी.
पाकिस्तान को मिलता रहा है चीन का समर्थन
दशकों से चीन का करीबी सहयोगी रहा पाकिस्तान अपनी कई समस्याओं के समाधान के लिए चीन की उदारता का इस्तेमाल करना चाहता है. जबकि उनके भारत-केंद्रित एजेंडे में कई समानताएं हैं. पाकिस्तान को उम्मीद थी कि चीन, भारत के खिलाफ उसके साथ जुड़ जाएगा. 1947 के बाद पर नजर दौड़ाने से पता चलता है कि पाकिस्तान को चीन का कूटनीतिक और सैन्य समर्थन मिलता रहा है.