पाकिस्तान में बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है. यह पाकिस्तान और अफगानिस्तान के सीमावर्ती इलाके में एक्टिव सबसे मजबूत विद्रोही समूह है. क्वेटा से पेशावर जा रही जाफर एक्सप्रेस को हाईजैक करने से लेकर हाल ही में कई हाई प्रोफाइल लोगों पर हमले के बाद से बीएलए लगातार अपना खौफ बढ़ा रहा है. ऐसे में जानना जरूरी हो जाता है कि बीएलए की मिलिट्री पावर असल में क्या है?
बलूच लिबरेशन आर्मी बलूचिस्तान की आजादी चाहता है. बलूचिस्तान पाकिस्तान के दक्षिणपश्चिम में है, इसकी उत्तरी सीमा अफगानिस्तान से सटी है और पश्चिमी हिस्सा ईरान की सीमा से सटा हुआ है. बीएलए का आरोप है कि पाकिस्तान सरकार बलूचिस्तान के समृद्ध गैस और खनिज संसाधनों का दोहन कर कब्जे जमाए हुई है.
बलूच लिबरेशन आर्मी का गठन 1970 के दशक में हुआ था. लेकिन बीच में यह संगठन कुछ समय के लिए निष्क्रिय किया औऱ 2000 में एक बार खुद को दोबारा खड़ा किया. बलूचिस्तान में कई लोगों का मानना है कि भारत-पाकिस्तान बंटवारे के बाद वे एक आजाद देश के तौर पर रहना चाहते थे, लेकिन बिना उनकी मर्जी से उन्हें पाकिस्तान में शामिल कर दिया गया था.
कितनी है BLA की ताकत?
एक अनुमान के मुताबिक, बीएलए की मौजूदा सैन्य ताकत 6000 लड़ाकों की बताई जाती है. मजीद ब्रिगेड इसका एक खास आत्मघाती दस्ता है, जिसमें 100 से ज्यादा सुसाइड अटैकर हैं. इनमें महिलाओं की संख्या भी अच्छी-खासी है. बीएलए गुरिल्ला युद्ध की रणनीति अपनाता है. यह पाकिस्तानी सेना, पुलिस और सरकारी प्रतिष्ठानों पर हमले करता है. खासतौर पर BLA, चीन-पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) के खिलाफ है. इसके तहत चीन ने बलूचिस्तान में भारी निवेश किया है.
बीएलए ने 2022 में अपने सैन्य और नौसैनिक अड्डे बनाए. संगठन ने महिला आत्मघाती हमलावरों की नियुक्तियां भी करनी शुरू की. हाल के हफ्तों में बीएलए का एक धड़ा बीएलए (आजाद) काफी एक्टिव हो गया है.
बीएलए आमतौर पर बलूचिस्तान में सुरक्षाबों और उनके इन्फ्रास्ट्रक्चर को नुकसान पहुंचाता है. इनके निशाने पर पाकिस्तान की सेना और चीन के प्रोजेक्ट्स है. BLA बलूचिस्तान को पाकिस्तानी सरकार और चीन से मुक्ति दिलाना चाहता है। उनका मानना है कि बलूचिस्तान के संसाधनों पर उनका हक है.
एक्सपर्ट् का कहना है कि बीएलए लगातार अपनी सैन्य क्षमता बढ़ा रहा है और इसके लिए धड़ाधड़ भर्तियां कर रहा है. इनके पास अमेरिका निर्मित अत्याधुनिक हथियार और सैन्य उपकरण हैं. लेकिन बीएलए की सबसे खतरनाक विंग उसकी फिदायीन मजीद ब्रिगेड है, जो आत्मघाती हमले करती है. अमेरिका और ब्रिटेन ने बीएलए को 2007 में आतंकी संगठन घोषित कर दिया था. रिपोर्ट के मुताबिक, बीएलए के 10 हजार से ज्यादा लड़ाके हैं.
क्या है बलूचिस्तान का महत्व?
बलूचिस्तान चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की बेल्ट एंड रोड परियोजना की चाइना पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर योजना का अहम हिस्सा है. यह 65 अरब डॉलर की निवेश योजना है. यहां पर चीन सोने और तांबे की खदान को ऑपरेट करती हैं.
बता दें कि पाकिस्तान में बीते कुछ समय में लगातार आतंकी हमले हो रहे हैं. रविवार को क्वेटा से ताफ्तान जा रहे सेना के काफिले पर आतंकी हमला हुआ, जिसमें सात सैनिकों की मौत हुई जबकि 21 घायल हुए. इस हमले की जिम्मेदारी लेते हुए बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने 90 पाकिस्तानी सैनिकों की मौत का दावा किया.
वहीं, इससे पहले 11 मार्च को क्वेटा से पेशावर जा रही जाफर एक्सप्रेस को बीएलए के विद्रोहियों ने हाईजैक कर लिया था. इस ट्रेन को दोपहर 1.30 बजे सिब्बी पहुंचना था. लेकिन बोलान के माशफाक टनल में हमला हुआ. इस हमले को BLA ने पूरी प्लानिंग के साथ अंजाम दिया था. BLA के लड़ाके पहले से ही घात लगाकर बैठे थे. हमले के लिए BLA ने अपने सबसे घातक लड़ाके मजीद ब्रिगेड और फतेह को तैयार किया था.