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24 घंटे का ऑपरेशन, 33 BLA विद्रोही ढेर, 122 पैसेंजर छुड़ाए गए... पाकिस्तान में ट्रेन हाईजैक की फाइनल डिटेल

पाकिस्तान के क्वेटा से जाफर एक्सप्रेस मंगलवार सुबह लगभग 9 बजे पेशावर के लिए रवाना हुई थी. इस ट्रेन को दोपहर 1.30 बजे सिब्बी पहुंचना था. लेकिन बोलान के माशफाक टनल में बीएलए के विद्रोहियों ने ट्रेन पर हमला कर यात्रियों को बंधक बना लिया था.

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जाफर एक्सप्रेस ट्रेन रेस्क्यू ऑपरेशन
जाफर एक्सप्रेस ट्रेन रेस्क्यू ऑपरेशन

पाकिस्तानी सेना का दावा है कि बलूचिस्तान में जाफर एक्सप्रेस ट्रेन का रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा हो गया है. सेना ने दावा किया है कि 24 घंटे से ज्यादा चले इस ऑपरेशन में बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) के सभी 33 विद्रोहियों को मार गिराया गया है और उनके कब्जे से सभी बंधकों को रिहा कर लिया गया है.

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रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रेन में कुल 440 यात्री सवार थे जिनमें से 21 को ट्रेन पर कब्जे के दौरान ही बीएलए लड़ाकों ने मार गिराया था. इनमें सेना के चार जवान भी शामिल थे. इसके बाद पाकिस्तानी सेना के ऑपरेशन में बाकी बचे 200 से ज्यादा बंधकों को छुड़ाया गया.  इससे पहले बुधवार को बीएलए ने 150 से ज्यादा बंधकों को रिहा कर दिया था. 

पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता अहमद शरीफ चौधरी ने बताया कि हमने महिलाओं और बच्चों समेत बड़ी संख्या में बंधक बनाए गए लोगों को छुड़ा लिया है. 212 यात्रियों को बीएलए के चंगुल से छुड़ाया है. इस ऑपरेशन में 21 बंधकों की मौत हुई है और सभी 33 विद्रोहियों को मार गिराया गया है.

डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तानी सेना के ऑपरेशन के बीच बंधकों की निगरानी कर रहे सुसाइड बॉम्बर्स बाद में भाग खडे़ हुए. ये भी दावा किया गया कि बीएलए के विद्रोही सैटेलाइट फोन के जरिए अफगानिस्तान के हैंडलर्स के संपर्क में थे. 

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एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रेस्क्यू ऑपरेशन को कई चरणों में पूरा किया गया. पहले चरण के तहत कई बंधकों को छुड़ाया गया जिन्हें पहले ही क्वेटा पहुंचा दिया गया. इसके बाद दूसरे चरण के तहत छुड़ाए गए बंधकों को पड़ोसी माछ इलाके में ले जाया गया है. 

BLA ने कैसे दिया हमले को अंजाम?

पाकिस्तान के क्वेटा से जाफर एक्सप्रेस मंगलवार सुबह लगभग 9 बजे पेशावर के लिए रवाना हुई थी. इस ट्रेन को दोपहर 1.30 बजे सिब्बी पहुंचना था. लेकिन बोलान के माशफाक टनल में हमला हुआ. ट्रेन जहां से गुजर रही थी, वह पहाड़ी इलाका है. यहां 17 सुरंगें हैं, जिस कारण ट्रेन की रफ्तार धीमी करना पड़ी, जिसका फायदा उठाकर बीएलए ने माशफाक में टनल नंबर-8 को उड़ा दिया. इससे ट्रेन बेपटरी हो गई और ट्रेन को हाईजैक कर लिया गया था.

इस हमले को BLA ने पूरी प्लानिंग के साथ अंजाम दिया गया था. BLA के लड़ाके पहले से ही घात लगाकर बैठे थे. हमले के लिए BLA ने अपने सबसे घातक लड़ाके मजीद ब्रिगेड और फतेह को तैयार किया था.

पाकिस्तानी सेना के ऑपरेशन की वजह से आतंकी दो समूहों में बंटे हुए थे. बीएलए के विद्रोहियों ने जाफर एक्सप्रेस ट्रेन को मशकाफ टनल (Mashkaf Tunnel) में हाईजैक किया था. यह टनल क्वेटा से 157 किलोमीटर की दूरी पर है. यह टनल जिस इलाके में है, वह बेहद दुर्गम पहाड़ी इलाका है, जिसका सबसे नजदीकी स्टेशन पहरो कुनरी है. हाईजैक हुई ट्रेन बोलन दर्रे में खड़ी हुई थी. यह पूरा इलाका पहाड़ियों और सुरंगों से घिरा हुआ है.

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बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे अशांत प्रांत है. यहां 1948 से ही बलूचों और पाकिस्तानी सेना के बीच टकराव होता रहा है. बलूचिस्तान के लोग पाकिस्तान से अलग होने की मांग समय से कर रहे हैं. बीते कुछ समय में चीन का इस इलाके में दखल बढ़ा है. चीन इस इलाके में कई परियोजनाओं पर काम कर रहा है, जिस वजह से उन पर लगातार हमले भी हो रहे हैं. 

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