scorecardresearch
 

शेख हसीना की पार्टी के कई प्रभावशाली लोगों को सेफ हेवन में रखा है, बांग्लादेश के आर्मी चीफ का बड़ा खुलासा

सेना प्रमुख जनरल वकार उज-जमान का कहना है कि अगर इनमें से किसी के खिलाफ कोई भी आरोप है या कोई मामला दर्ज है, तो उनके खिलाफ एक्शन भी लिया जाएगा. लेकिन फिलहाल हम इन लोगों को किसी भी तरह के संभावित हमले या एक्स्ट्रा ज्यूडीशियल कार्रवाई से बचाना चाहते हैं इसलिए उन्हें शरण दी गई है.

Advertisement
X
बांग्लादेश आर्मी चीफ वकार उज जमान
बांग्लादेश आर्मी चीफ वकार उज जमान

बांग्लादेश सेना के प्रमुख जनरल वकार उज-जमान का कहना है कि उन्होंने अपदस्थ शेख हसीना सरकार के कई प्रभावशाली लोगों को शरण दे रखी है. इन लोगों की जान को खतरा है. इस वजह से किसी भी तरह के संभावित हमले से बचाने के लिए उन्हें शरण दी गई है.

Advertisement

उन्होंने राजशाही छावनी में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि ऐसे लोगों को पनाह दी गई है, जिनकी जान को खतरा है, फिर चाहे उनकी पार्टी कोई भी हो या फिर वे किसी भी धर्म से जुड़े हुए हो.  

सेना प्रमुख ने कहा कि अगर इनमें से किसी के खिलाफ कोई भी आरोप है या कोई मामला दर्ज है, तो उनके खिलाफ एक्शन भी लिया जाएगा. लेकिन फिलहाल हम इन लोगों को किसी भी तरह के संभावित हमले या एक्स्ट्रा ज्यूडीशियल कार्रवाई से बचाना चाहते हैं इसलिए उन्हें शरण दी गई है.

बता दें कि उनका ये बयान ऐसे समय पर सामने आया है, जब शेख हसीना सरकार में कानून मंत्री रहे अनिसुल हक और शेख हसीना के निवेश सलाहकार सलमान एफ रहमान को ढाका से गिरफ्तार किया गया है. इससे पहले हसीना सरकार में मंत्री रहे विदेश मंत्री हसन महमूद और एक अन्य मंत्री जुनैद अहमद को ढाका एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया था. इन्हें उस समय गिरफ्तार किया गया था, जब वे देश छोड़कर भागने की फिराक में थे. 

Advertisement

रिपोर्ट्स के मुताबिक, बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद से अवामी लीग पार्टी के कई नेता देश छोड़ चुके हैं. ऐसा माना जा रहा है कि कई नेता सुरक्षित ठिकानों पर छिपे हुए हैं.

उन्होंने बांग्लादेश के मौजूदा हालातों के लिए विदेशी दखल से जुड़े सवाल पर कहा कि यह एक अलग तरह की स्थिति है. इसे हर कोई समझता है. देश के 20 जिलों में अल्पसंख्यकों पर हमले की 30 घटनाएं हुई हैं. हम इन मामलों को देख रहे हैं और आरोपियों के खिलाफ जल्द मामला दर्ज करेंगे. 

सेना प्रमुख ने कहा कि स्थिति सामान्य होती जा रही है. लेकिन पुलिस अभी भी ट्रॉमा में है. एक बार चीजें सामान्य होने पर पुलिस एक बार फिर से ठीक तरह से अपनी ड्यूटी कर पाएगी. वैसे, पुलिस ने अलग-अलग पुलिस थानों में काम करना शुरू कर दिया है. हम पुलिस को सुरक्षा दे रहे हैं. जब वे पूरी तरह से काम करना शुरू कर देंगे तो स्थिति सामान्य हो जाएगी. 

बांग्लादेश में कैसे हुई थी आंदोलन की शुरुआत?

बांग्लादेश की सरकारी नौकरियों में उन लोगों के परिवारों को आरक्षण मिलता था, जिन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ आजादी की लड़ाई में भूमिका निभाई थी. इस कोटे के खिलाफ वहां उग्र प्रदर्शन शुरू हुए थे. शेख हसीना ने रणनीति और बल दोनों से इस आंदोलन को रोकने की कोशिश की थी लेकिन दोनों ही प्रयास असफल रहे. आखिर में उन्होंने प्रदर्शनकारियों की सभी मांगे मान लीं, लेकिन प्रदर्शनकारी उनके इस्तीफे पर अड़ गए.

Advertisement

इस बीच पांच अगस्त को शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और भारत आ गईं. वहीं, बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर हिंसा शुरू हो गई. कई पुलिस स्टेशनों पर हमला किया गया और आग लगा दी गई. देशभर में भड़की हिंसा की घटनाओं में अब तक मरने वालों की संख्या 500 से अधिक हो गई है.

Live TV

Advertisement
Advertisement