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Bangladesh Army Chief Warning: 'बाद में मत कहना कि वॉर्निंग नहीं दी, आप लोगों के कारण...', बांग्लादेश आर्मी चीफ ने नेताओं को चेताया

सेना प्रमुख वकार-उज्जमान ने नेताओं से आपस में नहीं उलझने की चेतावनी देते हुए कहा कि इससे देश की संप्रभुता को खतरा हो सकता है. उन्होंने कहा कि अगर लोग अपने मतभेदों ना भुला पाए या एक-दूसरे पर आरोप लगाना बंद ना कर पाए तो देश की संप्रभुता दांव पर लग सकती है.

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बांग्लादेश सेना प्रमुख वकार-उज्जमान और मुहम्मद यूनुस
बांग्लादेश सेना प्रमुख वकार-उज्जमान और मुहम्मद यूनुस

बांग्लादेश में एक बार फिर सियासी हलचल देखने को मिल रही है. अंतरिम सरकार के सलाहकार नाहिद इस्लाम के इस्तीफे के बाद अब बांग्लादेश आर्मी चीफ ने सभी नेताओं को चेतावनी दी है.

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सेना प्रमुख वकार-उज्जमान ने नेताओं से आपस में नहीं उलझने की चेतावनी देते हुए कहा कि इससे देश की संप्रभुता को खतरा हो सकता है. उन्होंने कहा कि अगर लोग अपने मतभेदों ना भुला पाए या एक-दूसरे पर आरोप लगाना बंद ना कर पाए तो देश की संप्रभुता दांव पर लग सकती है.

उन्होंने मंगलवार को पिलखाना नरसंहार की बरसी पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि मैं आपको चेतावनी दे रहा हूं. बाद में यह मत कहना कि मैंने आगाह नहीं किया. अगर आप अपने मतभेदों को भूलाकर साथ मिलकर काम नहीं करते हैं तो एक-दूसरे पर आरोप लगाते हैं तो देश की स्वतंत्रता और संप्रभुता खतरे में पड़ जाएगी. 

नई सरकार के गठन तक सेना ही मोर्चा संभाले रखेगी

सेना प्रमुख ने कहा कि देश की कानून एवं व्यवस्था खराब होने के ये कुछ कारण हैं. पहला कारण है कि हम आपस में ही लड़ने में व्यस्त हैं. अगर आप अपने मतभेदों को नहीं भुलाते हैं तो इससे दिक्कत होगी. देश की संप्रभुता जोखिम में पड़ जाएगी. मैं चेतावनी दे रहा हूं. 

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सभी नेता एक दूसरे पर आरोप लगाने में व्यस्त हैं जिससे शरारती तत्वों को माहौल बिगाड़ने में फायदा हो रहा है. इस अराजक स्थिति में वे आसानी से बच रहे हैं. 

सेना प्रमुख वकार उज्जमान ने कहा कि वह सिर्फ नेताओं को चेता रहे हैं. इसके पीछे उनका कोई निजी एजेंडा या महत्वाकांक्षा नहीं है बल्कि वह देशहित में ऐसा कर रहे हैं. मैं सिर्फ देश में शांति बहाली चाहता हूं. 

उन्होंने कहा कि देश में जब तक चुनी हुई सरकार नहीं आ जाती, तब तक सेना ही बांग्लादेश की कानून एवं व्यवस्था देखेगी. बांग्लादेश की कानून एवं व्यवस्था का जिम्मा फिलहाल सेना पर है और यह तब तक जारी रहेगा, जब तक एक चुनी हुई सरकार नहीं आ जाती है.

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