पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में उथल-पुथल जारी है. खबर है कि बांग्लादेशी सेना का तख्तापलट की तैयारी चल रही थी. कहा जा रहा है कि सेना के लेफ्टिनेंट जनरल फैजुर रहमान पाकिस्तान की शह पर बगावत की तैयारी कर रहे थे.
सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान के करीबी माने जाने वाले और जमाती समर्थक लेफ्टिनेंट जनरल फैजुर रहमान बांग्लादेश सेना प्रमुख वकार उज्जमान के खिलाफ बगावत करने वाले थे. इस संबंध में उन्होंने मार्च के पहले हफ्ते में एक बैठक भी बुलाई थी. लेकिन इन अधिकारियों ने सेना प्रमुख के ऑफिस को इसकी सूचना दे दी.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस साल की शुरुआत में जनवरी के आसपास फैजुर रहमान ने जमात के नेताओं और पाकिस्तानी राजनयिकों से मुलाकात की थी. बांग्लादेश आर्मी चीफ को उनकी इन मीटिंग्स की जानकारी दी गई थी. इस कदम के बाद बांग्लादेश आर्मी चीफ ने लेफ्टिनेंट जनरल रहमान को बांग्लादेश की सैन्य खुफिया DGFI की निगरानी में रखा गया है.
बता दें कि बांग्लादेश में इस समय बड़ी सियासी हलचल देखने को मिल रही है. कुछ दिन पहले ही बांग्लादेश आर्मी चीफ ने सभी नेताओं को चेतावनी दी थी. सेना प्रमुख वकार-उज्जमान ने नेताओं से आपस में नहीं उलझने की चेतावनी देते हुए कहा था कि इससे देश की संप्रभुता को खतरा हो सकता है. उन्होंने कहा था कि अगर लोग अपने मतभेदों ना भुला पाए या एक-दूसरे पर आरोप लगाना बंद ना कर पाए तो देश की संप्रभुता दांव पर लग सकती है.
उन्होंने कहा था कि मैं आपको चेतावनी दे रहा हूं. बाद में यह मत कहना कि मैंने आगाह नहीं किया. अगर आप अपने मतभेदों को भूलाकर साथ मिलकर काम नहीं करते हैं तो एक-दूसरे पर आरोप लगाते हैं तो देश की स्वतंत्रता और संप्रभुता खतरे में पड़ जाएगी.
नई सरकार के गठन तक सेना ही मोर्चा संभाले रखेगी
सेना प्रमुख ने कहा था कि देश की कानून एवं व्यवस्था खराब होने के ये कुछ कारण हैं. पहला कारण है कि हम आपस में ही लड़ने में व्यस्त हैं. अगर आप अपने मतभेदों को नहीं भुलाते हैं तो इससे दिक्कत होगी. देश की संप्रभुता जोखिम में पड़ जाएगी. मैं चेतावनी दे रहा हूं. सभी नेता एक दूसरे पर आरोप लगाने में व्यस्त हैं जिससे शरारती तत्वों को माहौल बिगाड़ने में फायदा हो रहा है. इस अराजक स्थिति में वे आसानी से बच रहे हैं.
सेना प्रमुख वकार उज्जमान ने कहा था कि वह सिर्फ नेताओं को चेता रहे हैं. इसके पीछे उनका कोई निजी एजेंडा या महत्वाकांक्षा नहीं है बल्कि वह देशहित में ऐसा कर रहे हैं. मैं सिर्फ देश में शांति बहाली चाहता हूं. उन्होंने कहा था कि देश में जब तक चुनी हुई सरकार नहीं आ जाती, तब तक सेना ही बांग्लादेश की कानून एवं व्यवस्था देखेगी. बांग्लादेश की कानून एवं व्यवस्था का जिम्मा फिलहाल सेना पर है और यह तब तक जारी रहेगा, जब तक एक चुनी हुई सरकार नहीं आ जाती है.