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बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमले को लेकर भड़कीं तसलीमा नसरीन

बांग्लादेश की विवादास्पद लेखिका और इस्लामिक कट्टरपंथ के खिलाफ मुखर तसलीमा नसरीन ने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना पर निशाना साधा है और सिलसिलेवार ट्वीट्स में वे इस घटना के बारे में लगातार बात कर रही हैं. 

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तस्लीमा नसरीन
तस्लीमा नसरीन
स्टोरी हाइलाइट्स
  • बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले से नाराज तसलीमा नसरीन
  • तसलीमा ने शेख हसीना पर साधा निशाना

बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर दुर्गा पूजा से शुरू हुए हमले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. दुर्गा पूजा के पंडालों में हुए अटैक के बाद बीते रविवार को रंगपुर में उपद्रवियों ने कई हिंदुओं के घर जला दिए. इसके बाद से ही बांग्लादेश की सरकार की आलोचना हो रही है. बांग्लादेश की लेखिका और इस्लामिक कट्टरपंथ के खिलाफ मुखर रहने वाली तसलीमा नसरीन ने इस घटना को लेकर सिलसिलेवार ट्वीट्स किए हैं और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना पर भी निशाना साधा है.

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उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि जब हजारों हिंदू बांग्लादेश में बेघर हो चुके हैं क्योंकि उनके घरों को ढहा दिया गया या जला दिया गया है और पीएम शेख हसीना आज अपने भाई शेख रसेल का जन्मदिन मना रही हैं . उन्होंने इसके अलावा एक और ट्वीट में लिखा कि बांग्लादेश के पीरगंज, रंगपुर में हाहाकार मचा हुआ है.

तसलीमा ने लापरवाह शासकों के संदर्भ में कही जाने वाली वो कहावत कि 'जब रोम जल रहा था तो नीरो बांसुरी बजा रहा था' की तर्ज पर तंज कसा है. तसलीमा ने लिखा है,  दो हिंदू गांवों को जिहादियों ने जला दिया है और हसीना बांसुरी बजा रही हैं. तसलीमा नसरीन ने इस मुद्दे पर लगातार कई ट्वीट्स किए हैं. उन्होंने ट्विटर पर अल्पसंख्यकों पर हमले के खिलाफ हिंदुओं के प्रदर्शन का एक वीडियो भी शेयर किया है.

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तसलीमा ने इससे पहले एक ट्वीट में लिखा था, बांग्लादेश का नया नाम जिहादिस्तान हो गया है. हिंदुओं के पूजा पंडालों, मंदिरों, घरों और दुकानों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है. बांग्लादेश की सरकार हिंदुओं के इस उत्पीड़न को लेकर मीडिया को खामोशी बरतने के लिए कह रही है. वहीं, उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा, मुझे समझ में नहीं आता है कि जो भारतीय अपने देश की अल्पसंख्यक आबादी का समर्थन करते हैं, वो मुझसे नफरत क्यों करते हैं जबकि मैं भी अपने देश की अल्पसंख्यकों के साथ हूं.

बीते बुधवार को बांग्लादेश में चांदीपुर के हाजीगंज उपजिला में दुर्गा पूजा समारोह के दौरान भड़की सांप्रदायिक हिंसा में 3 लोगों की मौत हो गई थी और करीब 60 लोग घायल हो गए. इस दौरान चटगांव के बांसखाली, कॉक्स बाजार के पेकुआ और शिवगंज के चापाईनवाबगंज समेत कुल 80 से अधिक स्थानों पर हमले किए गए, जिससे बांग्लादेश में अशांति फैल गई और स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (BGB) के जवानों, पुलिस और RAB की बड़ी टुकड़ियों को तैनात करना पड़ा.

भारत की नागरिकता लेने की कोशिश कर रहीं तस्लीमा

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इसके बाद रंगपुर के उपजिला पीरगंज में हिंदुओं के घरों को आग लगाने का मामला सामने आया है. बांग्लादेश के मीडिया हाउस ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, ये घटना पीरगंज के एक गांव रामनाथपुर यूनियन में माझीपारा के जेलपोली में घटी है. रिपोर्ट्स के अनुसार, कुछ कट्टरपंथियों ने हिंदुओं के 20 घरों को जलाया हालांकि, स्थानीय संघ परिषद के अध्यक्ष के मुताबिक, उपद्रवियों ने 65 घरों को आग के हवाले कर दिया है. गौरतलब है कि अपनी विवादास्पद किताबों के चलते तस्लीमा कई साल पहले ही बांग्लादेश छोड़ चुकी हैं. उनके पास हालांकि स्वीडन की नागरिकता है लेकिन वे भारत में समय बिताना बहुत पसंद करती हैं. वे दिल्ली को बेहतरीन शहर बता चुकी हैं और भारत की नागरिकता लेने की भी इच्छुक हैं हालांकि अभी तक उन्हें इस मामले में सफलता हासिल नहीं हो पाई है.

 

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