बांग्लादेश में मूसलाधार बारिश की वजह से जगह-जगह भूस्खलन होने से कई सैन्य अधिकारियों सहित 130 से अधिक लोगों की मौत हो गई. ज्यादातर मौतें भारतीय सीमा के निकट एक पर्वतीय जिले में हुई है. सबसे अधिक प्रभावित जिला रांगामाटी रहा जहां करीब 100 लोगों की मौत हुई है जिनमें चार सैन्य अधिकारी भी शामिल हैं.
मोदी ने जताया दुख
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बांग्लादेश में आई इस आपदा पर दुख व्यक्त किया है. मोदी ने ट्वीट किया कि वह बांग्लादेश में भूस्खलन की वजह से हुई मौतों के प्रति वह अपना दुख व्यक्त करते हैं. भारत इस दुख की घड़ी में बांग्लादेश के साथ है.
Saddened by the loss of lives in Bangladesh due to landslides. My thoughts are with the families of the deceased & prayers with the injured.
— Narendra Modi (@narendramodi) June 13, 2017
अधिकारियों ने कहा कि भूस्खलन के वक्त ज्यादातर लोग सोए हुए थे जिससे अधिक जनहानि हुई. स्थानीय मीडिया की खबरों में कहा गया है कि मरने वालों की संख्या 130 हो गई है और मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है क्योंकि बहुत सारे लोगों के मलबे में दबे में होने की आशंका है. चटगांव के उपजिलों रंगुनिया और चंदनैश में भूस्खलन में कम से कम 23 लोग मारे गए.
स्थानीय मीडिया के अनुसार,100 से अधिक लोग घायल भी हुए हैं जिनमें कई लोगों की हालत गंभीर है. राहत एवं बचाव कार्य जारी है. सेना के एक प्रवक्ता ने कहा कि मारे गए चार सैन्य अधिकारियों में एक मेजर और एक कैप्टन भी शामिल हैं. स्थानीय मीडिया के अनुसार भूस्खलन की चपेट में आए अनेक लोग रांगामाटी और बंदरबन में जातीय अल्पसंख्यक या जनजातीय समूहों से हैं जो पर्वतीय क्षेत्रों में अस्थाई मकानों में रहते हैं. इससे पहले आपदा प्रबंधन मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि राहत अभियान जारी है. बाद में हमें मृतकों के बारे में सही जानकारी मिल सकती है.
आपको बता दें कि पिछले महीने बांग्लादेश ने आपदा का सामना किया था जिसमें साइक्लोन मोरा ने बांग्लादेश के दक्षिण-पूर्व में तबाह होने के बाद आठ लोगों की जान चली गई थी, इससे पहले 2010 में भारी बारिश से दक्षिण-पूर्व बांग्लादेश में भूस्खलन और बाढ़ शुरू हो जाने के बाद कम से कम 53 लोग मारे गए थे.