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बांग्लादेश की पूर्व PM खालिदा जिया को झटका, हाई कोर्ट ने 5 साल की सजा बढ़ाकर 10 साल की

बांग्लादेश के भ्रष्टाचार निरोधक आयोग ने 2011 में जिया चैरिटेबल ट्रस्ट के फंड के दुरुपयोग के मामले में भ्रष्टाचार का मामला दायर किया था, जिसमें जिया समेत तीन अन्य को सजा सुनाई गई थी.

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खालिदा जिया (फाइल फोटो: रॉयटर्स)
खालिदा जिया (फाइल फोटो: रॉयटर्स)

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भ्रष्टाचार के मामले में सजा काट रहीं बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री बेगम खालिदा जिया की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही है. जिया अनाथालय ट्रस्ट के फंड में धांधली के मामले में 5 साल की सजा काट रहीं खालिदा जिया की सजा हाई कोर्ट ने बढ़ाकर 10 साल कर दी है. इससे पहले सोमवार को उन्हें एक अन्य भ्रष्टाचार के मामले में 7 साल की सजा सुनाई गई थी.

सोमवार को आए फैसले के बाद खालिदा जिया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के हजारों समर्थकों और पुलिस के बीच झड़प हुई. शेख हसीना की धुर विरोधी मानी जाने वाली जिया इस साल फरवरी से ही भ्रष्टाचार के मामलों में जेल की सजा काट रही हैं.

गौरतलब है कि 73 वर्षीय, पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया पर जिया चैरिटी फंड से करीब 3 लाख 75 हजार अमेरिकी डॉलर के गलत इस्तेमाल का आरोप है.

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जियाउर रहमान की हत्या के बाद राजनीति में उतरीं

अपने पति जियाउर रहमान की हत्या के बाद 1980 के मध्य में खालिदा जिया राजनीति में उतरी थीं. उन पर भ्रष्टाचार और हिंसा से जुड़े करीब आधा दर्जन मामले दर्ज हैं. जिया का कहना है कि ये उनके परिवार को राजनीति से दूर की साजिश है. जिया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने 2014 के चुनाव का बहिष्कार किया था. इन चुनावों में शेख हसीना को जीत हासिल हुई थी.

बेटे को हो चुकी है उम्रकैद की सजा

उल्लेखनीय है कि हाल ही में बांग्लादेश की एक अदालत ने 2004 के ग्रेनेड हमले के मामले में खालिदा जिया के भगोड़े बेटे तारिक रहमान को उम्रकैद और 19 अन्य को फांसी की सजा सुनाई थी. इस हमले में 24 लोग मारे गए थे और उस समय विपक्षी पार्टी की प्रमुख रहीं शेख हसीना सहित करीब 500 लोग घायल हो गए थे.

बांग्लादेश की मौजूदा प्रधानमंत्री हसीना को निशाना बनाते हुए यह हमला 21 अगस्त, 2004 को उनकी पार्टी अवामी लीग की एक रैली में किया गया था. हसीना इस हमले में बच गईं थीं लेकिन उनके सुनने की क्षमता थोड़ी कम हो गई थी.

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