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'अवामी लीग पर प्रतिबंध लगाने का नहीं है कोई इरादा...', बोले बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के सलाहकार

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के गृह सलाहकार ब्रिगेडियर जनरल (सेवानिवृत्त) एम सखावत हुसैन ने सोमवार कहा कि देश में चल रही अंतरिम सरकार का अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग पार्टी पर प्रतिबंध लगाने का कोई इरादा नहीं है. उन्होंने कहा कि पार्टी ने बांग्लादेश के लिए बहुत योगदान दिया है. हम इससे इनकार नहीं कर सकते, जब चुनाव होगा तो उन्हें चुनाव लड़ना चाहिए.

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In Bangladesh's Rampura region, anti-quota supporters clash with police and supporters of Awami League in Dhaka, Bangladesh on July 18, 2024.
In Bangladesh's Rampura region, anti-quota supporters clash with police and supporters of Awami League in Dhaka, Bangladesh on July 18, 2024.

बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद पहली बार शेख हसीना की पार्टी के लिए राहत भरी खबर सामने आई है. खबर आ रही है कि मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग पार्टी पर प्रतिबंध लगाने का कोई इरादा नहीं है. 

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बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के गृह सलाहकार ब्रिगेडियर जनरल (सेवानिवृत्त) एम सखावत हुसैन ने सोमवार कहा कि देश में चल रही अंतरिम सरकार का अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग पार्टी पर प्रतिबंध लगाने का कोई इरादा नहीं है.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सखावत हुसैन ने कहा कि पार्टी ने बांग्लादेश के लिए बहुत योगदान दिया है. हम इससे इनकार नहीं कर सकते, जब चुनाव होगा तो उन्हें चुनाव लड़ना चाहिए. साथ ही उन्होंने अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय से सुरक्षा प्रदान करने में विफल रहने के लिए माफी मांगी है.

हिंदु समुदाय से मांगी माफी

सखावत ने कहा कि हमने निर्देश दिया है कि हमारे अल्पसंख्यक भाइयों की सुरक्षा करना बहुसंख्यक समुदाय का परम कर्तव्य है. अगर वे ऐसा नहीं करते हैं और इसके बजाय मस्जिद में नमाज़ पढ़ने में व्यस्त रहते हैं, तो उन्हें जवाब देना होगा कि वे सुरक्षा प्रदान करने में विफल क्यों रहे.'

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प्रदर्शनकारियों को दिए आत्मसमर्पण करने के निर्देश

एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के गृह मामलों के सलाहकार ब्रिगेडियर जनरल (सेवानिवृत्त) एम सखावत हुसैन ने सोमवार को प्रदर्शनकारियों से हाल की हिंसा के दौरान कानून लागू करने वालों से लूटी गई राइफलों सहित सभी अवैध और अनधिकृत आग्नेयास्त्रों को 19 अगस्त तक आत्मसमर्पण करने निर्देश दिया है.

'हिंसा में 500 लोगों की मौत'

द डेली स्टार अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, हुसैन ने कहा कि अगर वे हथियार नजदीकी पुलिस स्टेशनों को वापस नहीं किए गए तो अधिकारी तलाशी लेंगे और अगर किसी के पास अनधिकृत हथियार जाते हैं तो उनके खिलाफ आरोप दर्ज किए जाएंगे. हुसैन ने कहा कि विरोध प्रदर्शन के दौरान छात्रों सहित लगभग 500 लोग मारे गए और कई हजार अन्य घायल हो गए.

उन्होंने कहा, "वीडियो में एक युवक को 7.62 मिमी राइफल लेते हुए देखा गया था। इसका मतलब है कि राइफल वापस नहीं की गई। यदि आपने (डर के कारण) हथियार नहीं सौंपे, तो किसी और के माध्यम से हथियार सौंप दें."

'मैं मीडिया को बंद करने नहीं करता समर्थन'

हुसैन ने कहा कि वे सादे कपड़ों में उन युवाओं की पहचान करने के लिए जांच करेंगे, जिन्होंने अंसार सदस्यों पर गोलियां चलाईं. हालांकि, उन्होंने झूठी या भ्रामक खबरें प्रकाशित या प्रसारित करने पर मीडिया आउटलेट्स को बंद करने के बारे में कल की टिप्पणियों को नरम कर दिया.

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उन्होंने कहा, "मैंने यह गुस्से में कहा था. यह मेरा काम नहीं है. मैं कभी भी किसी मीडिया को बंद करने का समर्थन नहीं करता."

पिछले गुरुवार को नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस ने हसीना की जगह अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में शपथ ली थी. राज्य के मामलों को चलाने में यूनुस की सहायता के लिए सलाहकारों की 16 सदस्यीय परिषद की घोषणा की गई.

बता दें कि नौकरियों में विवादास्पद कोटा प्रणाली को लेकर अपनी सरकार के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद शेख हसीना ने पिछले हफ्ते इस्तीफा दे दिया और देश को उथल-पुथल में देश छोड़कर भारत चली गईं.

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