बांग्लादेश में हुए तख्तापलट में अमेरिका का कोई रोल नहीं है. व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव करीन जीन पियरे ने ये बयान दिया है. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन में अमेरिका का हाथ होना मात्र एक अफवाह है और यह पूरी तरह से गलत है. यह बांग्लादेशी लोगों का चुनाव है. वहां के लोगों को ही सरकार का भविष्य तय करना चाहिए.
करीन जीन पियरे ने कहा, 'बांग्लादेश के मसले में हमारा कोई हाथ नहीं है. संयुक्त राज्य सरकार के इसमें शामिल होने की कोई भी रिपोर्ट अफवाह है और पूरी तरह से गलत है. यह बांग्लादेशी लोगों का चुनाव है. हमारा मानना है कि बांग्लादेशी लोगों को ही बांग्लादेशी सरकार का भविष्य तय करना चाहिए. यही हमारा रुख है.'
शेख हसीना के बेटे ने भी किया था खंडन
गौरतलब है कि बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के बेटे साजिब वाजेद ने हाल ही में उन रिपोर्टों का खंडन किया, जिनमें दावा किया गया था कि उनकी मां ने बांग्लादेश में शासन परिवर्तन की साजिश रचने का आरोप अमेरिका पर लगाया था और कहा था कि अगर उन्हें मौका मिलता तो वे अपने भाषण में इस पर बात करतीं. एक्स पर एक पोस्ट में वाजेद ने ऐसी रिपोर्टों को 'पूरी तरह से झूठा और मनगढ़ंत' बताया था.
उन्होंने एक्स पर लिखा, 'हाल ही में एक अखबार में मेरी मां के नाम से प्रकाशित इस्तीफे का बयान पूरी तरह से झूठा और मनगढ़ंत है. मैंने अभी उनसे पुष्टि की है कि उन्होंने ढाका छोड़ने से पहले या बाद में कोई बयान नहीं दिया है.'
पहले आई थी ये रिपोर्ट
इससे पहले रिपोर्ट आई थी कि शेख हसीना बांग्लादेश के प्रधानमंत्री के रूप में इस्तीफा देने से पहले राष्ट्र को संबोधित करना चाहती थीं और 5 अगस्त को छात्रों द्वारा हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बीच देश छोड़कर भाग गईं और अपने अन्डिलिवर्ड स्पीच में हसीना ने अमेरिका पर बांग्लादेश में शासन परिवर्तन की साजिश रचने का आरोप लगाया.
रिपोर्ट के पहले के वर्जन के अनुसार, शेख हसीना ने खुलासा किया कि अगर उन्होंने 'सेंट मार्टिन और बंगाल की खाड़ी अमेरिका को दे दी होती तो वे सत्ता में बनी रह सकती थीं.' पत्र में लिखा था, 'अगर मैंने सेंट मार्टिन और बंगाल की खाड़ी अमेरिका को दे दी होती तो मैं सत्ता में बनी रह सकती थी.' हालांकि, उनके बेटे वाजेद ने अब अपनी मां के ऐसा कहने का खंडन किया है.
मालूम हो कि सेंट मार्टिन द्वीप बंगाल की खाड़ी के उत्तरपूर्वी भाग में स्थित है, जो बांग्लादेश का सबसे दक्षिणी भाग है. अपने अन्डिलिवर्ड स्पीच में 76 वर्षीय नेता ने कहा कि उन्होंने इसलिए इस्तीफा दिया ताकि उन्हें 'लाशों का जुलूस' न देखना पड़े. शेख हसीना ने अज्ञात पत्र में कहा कि अगर वह देश में रहतीं तो और अधिक लोगों की जान चली जाती.
पत्र में लिखा है, 'शायद अगर मैं आज देश में होती, तो और अधिक लोगों की जान चली जाती, और अधिक संपत्ति नष्ट हो जाती. मैंने खुद को हटा लिया, मैं आपकी जीत के साथ आई, आप मेरी ताकत थे, आप मुझे नहीं चाहते थे, फिर मैं खुद चली गई, इस्तीफा दे दिया.'
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हुए हमलों का जिक्र
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हाल ही में हुए हमलों के खिलाफ व्हाइट हाउस के बाहर हुए विरोध प्रदर्शनों पर करीन जीन पियरे ने कहा, 'हम निश्चित रूप से स्थिति पर नजर रखना जारी रखेंगे. मेरे पास कहने या उससे आगे कुछ और जोड़ने के लिए नहीं है. जब भी किसी भी तरह के मानवाधिकार मुद्दे की बात आती है, तो राष्ट्रपति सार्वजनिक रूप से और निजी तौर पर भी जोरदार तरीके से अपनी बात रखते हैं और वे ऐसा करना जारी रखेंगे. लेकिन, इस समय मेरे पास बात करने के लिए कुछ विशेष नहीं है.'