पैगंबर मोहम्मद पर बीजेपी नेताओं की टिप्पणियों को लेकर विवाद थमता नजर नहीं आ रहा. इस मामले पर पहली बार पड़ोसी देश बांग्लादेश की सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री ने सरकार का रुख सामने रखा.
बांग्लादेश के सूचना मंत्री हसन महमूद ने कहा है कि सरकार पैगंबर मोहम्मद के सम्मान से जुड़े किसी भी मामले से समझौता नहीं करेगा.
हालांकि, उन्होंने पैगंबर मोहम्मद पर बीजेपी के दो नेताओं के बयानों को लेकर हुए विवाद को बाहरी मामला भी बताया.
बांग्लादेश के सूचना मंत्री हसन महमूद ने शनिवार को भारतीय पत्रकारों के एक प्रतिनिधिमंडल से बातचीत में कहा कि सरकार बीजेपी के प्रवक्ताओं पर पार्टी (बीजेपी) की कार्रवाई का स्वागत करती है.
उन्होंने कहा कि बांग्लादेश की इस मामले को भड़काने की कोई मंशा नहीं है.
महमूद बांग्लादेश की सत्तारूढ़ अवामी लीग पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं. वह सरकार के पहले सदस्य हैं, जिन्होंने पैगंबर मोहम्मद मामले पर आधिकारिक तौर पर बयान दिया है.
पैगंबर मोहम्मद पर विवादित बयानबाजी को लेकर नूपुर शर्मा और नवीन कुमार जिंदल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. ये एफआईआर दिल्ली और महाराष्ट्र में दर्ज की गई हैं.
इस मामले पर ईरान, कुवैत और कतर ने भारतीय राजदूतों को तलब कर विरोध जताया था. इसके साथ ही दर्जनभर से अधिक देशों ने पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणियों की निंदा की थी लेकिन मुस्लिम बहुल बांग्लादेश ने कमोबेश चुप्पी ही साधे रखी.
बांग्लादेश ने कहा, यह भारत का आंतरिक मामला
महमूद ने कहा, हम पैगंबर मोहम्मद के सम्मान को लेकर समझौता नहीं कर रहे. जहां भी पैगंबर के खिलाफ कुछ होता है, हम इसकी निंदा करते हैं. इसके साथ ही हम पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर भारत सरकार को बधाई भी देते हैं.
उन्होंने कहा, सबसे पहले यह एक बाहरी मामला है. यह आंतरिक मामला नहीं है. यह भारत का मामला है. मुझे नहीं लगता कि हमें इस बारे में कुछ अधिक कहना चाहिए. इस मामले ने यहां इतना तूल नहीं पकड़ा, जितना मध्यपूर्व के देशों, इंडोनेशिया, पाकिस्तान और मालदीव में देखने को मिला.
इस मामले को लेकर 10 जून को बांग्लादेश की राजधानी ढाका से लेकर सीमावर्ती इलाकों के कई शहरों में जुमे की नमाज के बाद प्रदर्शन हुए.
ढाका में बैतुल मुकर्रम मस्जिद के पास सैकड़ों लोग सड़कों पर उतरे और भारत सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. उन्होंने भारतीय उत्पादों के बॉयकॉट की भी मांग की.
ये विरोध प्रदर्शन बड़े पैमाने पर जमीयत उलेमा बांग्लादेश और खिलाफत मजलिस जैसे इस्लामिक समूहों द्वारा आयोजित किए गए थे, जो सत्तारूढ़ पार्टी अवामी लीग पर बांग्लादेश के हितों को भारत को बेचने का आरोप लगाते रहे हैं.
इस मामले से वाकिफ लोगों का कहना है कि बांग्लादेश सरकार ने इस विवाद में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई. ऐसा कर उन्होंने इन इस्लामिक समूहों को अवामी लीग पार्टी को कठघरे में खड़ा करने का मौका नहीं दिया.
एक शख्स ने कहा, अगर सरकार ने सार्वजनिक तौर पर कड़ा रुख अपनाया होता तो ये समूह और ज्यादा दबाव डालते. अगर भारत सरकार कुछ नहीं करती तो ये इस्लामिक समूह कहते कि बांग्लादेश सरकार इस मामले पर भारत पर दबाव डालने के लिए कुछ नहीं कर रही.
उनका कहना है कि बांग्लादेश सरकार यह भी सुनिश्चित कर रही है कि स्थानीय मीडिया या धार्मिक समूह इस मामले को ज्यादा तूल नहीं दे. इस मामले का दुरुपयोग इस्लामिक कट्टरपंथी देश के अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने के लिए कर सकते हैं.
महमूद ने कहा कि उन्होंने एक जनसभा में इन विवादित बयानों की निंदा की थी.
उन्होंने कहा, मामले में एफआईआर दर्ज को गई है. इसके बाद भारत में आगे की कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी.
महमूद ने कहा, लेकिन मैं इस मामले को यहां क्यों भड़काऊं?
बांग्लादेश के विपक्षी सांसद की भारतीय हाई कमिश्नर को तलब करने की मांग
पैगंबर मोहम्मद पर विवादिय बयान मामले को लेकर बांग्लादेश की विपक्षी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) सांसद हारुन उर राशिद ने भारतीय हाई कमिश्नर को तलब करने की मांग की है.
उन्होंने संसद में सरकार से कहा कि पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी मामले में भारतीय उच्चाचुक्त को तलब करें और इस संबंध में संसद में निंदा प्रस्ताव भी पास करें.
विपक्षी सांसद ने संसद में बहस के दौरान यह मांग की.
उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि बांग्लादेश सरकार को भारतीय हाई कमिश्नर को तलब करने की जरूरत है. हमें पुरजोर प्रदर्शन करना चाहिए.
हारुन ने अपने भाषण में कहा, हम सभी को पता है कि पूरी दुनिया भारत में हमारे पैगंबर मोहम्मद के अपमान को लेकर प्रदर्शन कर रही है. यह बांग्लादेश में भी हो रहा है. एक मुस्लिम बहुल देश के रूप में और सबसे महत्वपूर्ण सार्क सदस्य देश के रूप में हमने देखा है कि सरकार ने अभी तक किसी तरह की आपत्ति नहीं जताई है.
उन्होंने कहा, संसद का मौजूदा सत्र चल रहा है. संसद में निंदा प्रस्ताव लाया जाना चाहिए.
हारुन ने कहा कि भारत में बीते कुछ सालों में मुस्लिम विरोधी गतिविधियां काफी बढ़ गई हैं . इससे कुछ समय पहले ही भारत में हिजाब को लेकर भी विवाद हुआ था.
इससे पहले बांग्लादेश अवामी लीग के एक शीर्ष नेता खंडाकर गुलाम मौला नक्शबंदी ने कहा था कि भारत सरकार ने पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी करने वाले बीजेपी नेताओं पर खाड़ी देशों के दबाव में कार्रवाई की.
बता दें कि बीजेपी नेताओं के पैगंबर मोहम्मद पर बयान को लेकर विवाद शांत होता नहीं दिख रहा. अरब और इस्लामिक देश लामबंद होकर इन बयानों की निंदा कर रहे हैं.
पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी को लेकर अब तक कई देश आपत्ति जता चुके हैं. इनमें ईरान, इराक, कुवैत, कतर, सऊदी अरब, ओमान, यूएई, जॉर्डन, अफगानिस्तान, बहरीन, मालदीव, लीबिया और इंडोनेशिया हैं. बीजेपी ने टिप्पणी करने वाले नेताओं के खिलाफ कार्रवाई भी की है.