बांग्लादेश की केयरटेकर सरकार ने अल-कायदा से जुड़े आतंकवादी संगठन अंसारुल्लाह बंगला टीम (ABT) के प्रमुख जशीमुद्दीन रहमानी को रिहा कर दिया है. इस रिहाई से भारत की मुश्किलें बढ़ सकती है, जहां आतंकवादी समूह स्लीपर सेल्स की मदद से जिहादी नेटवर्क स्थापित करने की कोशिश कर रहा है.
जशीमुद्दीन रहमानी को सोमवार को पैरोल पर रिहा किया गया. वह ब्लॉगर राजीब हैदर की हत्या के मामले में जेल में बंद था. उसे गाजिपुर के काशीपुर हाई सिक्योरिटी सेंट्रल जेल में रखा गया था. वह बांग्लादेश के आतंकवाद विरोधी कानूनों के तहत आरोपों का सामना भी कर रहा था.
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भारत में गिरफ्तार किए गए एबीटी के आतंकी
भारत में उसके नेतृत्व वाले संगठन से जुड़े कई आतंकियों को पहले गिरफ्तार किया गया है. इसी साल मई में, असम पुलिस ने गुवाहाटी रेलवे स्टेशन पर ABT से जुड़े दो आतंकियों, बहार मिया और रेयरली मिया को गिरफ्तार किया था. ABT, अल-कायदा इन द इंडियन सबकॉन्टिनेंट (AQIS) का एक सहायक संगठन है, जो भारत में प्रतिबंधित है.
15 फरवरी 2013 को राजीब हैदर की हत्या के लिए उसे पांच साल की सजा सुनाई गई थी. हैदर को ढाका में उनके घर के सामने बेरहमी से हत्या कर दी गई थी, जिसके बाद रहमानी को अगस्त 2013 में गिरफ्तार कर लिया गया था. ABT को 2015 में शेख हसीना की सरकार के दौरान बांग्लादेश में प्रतिबंधित कर दिया गया था.
बाद में, इसने अपने आप को अंसार अल-इस्लाम के रूप में दोबारा ब्रांडिंग की, जिसे 2017 में फिर से प्रतिबंधित कर दिया गया था. सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया कि पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा (LeT) ने ABT के साथ मिलकर भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों में आतंकवादी हमलों को अंजाम देने के लिए साझेदारी की थी.
2022 से सहयोग कर रहे एलईटी और एबीटी
LeT और ABT के बीच सहयोग 2022 में शुरू हुआ था, जब उन्होंने बंगाल में अपनी पैठ बनाई ली. खुफिया सूत्रों की मानें तो 50 से 100 ABT कैडर त्रिपुरा में घुसपैठ की योजना बना रहे थे. असम पुलिस ने कई मौकों पर ABT आतंकवादियों को गिरफ्तार किया और उत्तर-पूर्वी राज्य में नेटवर्क स्थापित करने की उनकी योजनाओं को विफल किया है.
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि ABT के जिहादी सामान्य कम्युनिकेशन डिवाइस का इस्तेमाल नहीं कर रहे थे, बल्कि हाइली एनक्रिप्टेड डिवाइसेज का इस्तेमाल कर रहे थे, ताकि उनका पता न चल सके.
शेख हसीना की सत्ता जाने के बाद बिगड़े हालात
शेख हसीना की सरकार ने बांग्लादेश में भारत के विरोधी बलों पर कड़ी कार्रवाई की थी, लेकिन हाल ही में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद शेख हसीना की सरकार को इस्तीफा देना पड़ा. इसके बाद भारत को आशंका है कि भारत विरोधी शक्तियां अब केंद्र में आ जाएंगी.
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मसलन, शेख हसीना की सत्ता जाने के बाद से चरमपंथी संगठनों के नेताओं को भी रिहा कर दिया गया है, जो अक्सर भारत विरोधी गतिविधियों को अंजाम देते हैं. इन घटनाओं ने भारत के उत्तर-पूर्वी हिस्से के लिए चिंताओं को बढ़ा दिया है.
पूर्व IAS राधा कृष्ण माथुर द्वारा स्थापित थिंक टैंक का कहना है कि हालात खासतौर से असम और त्रिपुरा के लिए ज्यादा चिंताजनक है, जहां हाल ही के समय में ABT और JMB के कई मॉड्यूल्स को ध्वस्त किया गया है.