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मोहम्मद यूनुस के लिए नई मुश्किल... शेख हसीना का तख्तापलट करने वाले नाहिद इस्लाम बना रहे नई पार्टी

नाहिद इस्लाम बांग्लादेश की मोहम्मद यूनुस सरकार से नाराज थे. उन्होंने इस्तीफा देने के बाद यह भी कहा कि इस समय देश में जो माहौल बना हुआ है. ऐसे में वह छात्रों के बीच दोबारा लौटना चाहते हैं. मौजूदा स्थिति ऐसी है कि एक नई राजनीतिक ताकत का आगमन जरूरी है.

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मुहम्मद यूनुस और नाहिद इस्लाम
मुहम्मद यूनुस और नाहिद इस्लाम

बांग्लादेश इस समय उथल-पुथल भरे दौर से गुजर रहा है. ऐसी स्थिति के बीच देश की अंतरिम सरकार के सूचना सलाहकार और छात्र आंदोलन के प्रमुख नेताओं में शुमार रहे नाहिद इस्लाम ने पद से इस्तीफा दे दिया है. खबर है कि वह नई राजनीतिक पार्टी का गठन कर सकते हैं और आज इसका ऐलान हो सकता है. 

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ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, नाहिद इस्लाम बांग्लादेश की मोहम्मद यूनुस सरकार से नाराज थे. उन्होंने इस्तीफा देने के बाद यह भी कहा कि इस समय देश में जो माहौल बना हुआ है. ऐसे में वह छात्रों के बीच दोबारा लौटना चाहते हैं. मौजूदा स्थिति ऐसी है कि एक नई राजनीतिक ताकत का आगमन जरूरी है. मैंने जन आंदोलन की धार मजबूत करने के लिए पद से इस्तीफा दिया है.

क्या नाहिद इस्लाम, मोहम्मद यूनुस सरकार को देंगे चुनौती?

रिपोर्ट के मुताबिक, स्टूडेंट अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन और नेशनल सिटिजन्स कमेटी मिलकर नई राजनीतिक पार्टी का गठन करने जा रहे हैं. कहा जा रहा है कि इस पार्टी का गठन इसलिए हो रहा है ताकि जुलाई 2024 में हुए छात्र आंदोलन की लड़ाई जारी रखी जा सके. इस नई पार्टी के नाम का अभी तक खुलासा नहीं हुआ है लेकिन कहा जा रहा है कि पार्टी के लिए जुलाई क्रांति से जुड़े कई नाम सुझाए गए हैं. यह भी कहा जा रहा है कि यह नया राजनीतिक दल बांग्लादेश की मोहम्मद यूनुस सरकार को चुनौती देगा.

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बीडीन्यूज डॉट 24 की रिपोर्ट के मुताबिक, नाहिद इस्लाम और सरजिस आलम इस नए दल की अगुवाई कर सकते हैं. सरजिस स्टूडेंट अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन के कॉर्डिनेटर हैं. 

बता दें कि नाहिद इस्लाम की अगुवाई वाले छात्र आंदोलनों के बीच पिछले साल पांच अगस्त को प्रधानमंत्री शेख हसीना को पद से इस्तीफा देकर देश छोड़कर भागना पड़ा था और उन्होंने भारत में शरण ली थी. इसके बाद आठ अगस्त को मोहम्मद यूनुस की अगुवाई में नई अंतरिम सरकार ने कार्यभार संभाला था.

बांग्लादेश आर्मी चीफ ने दी वॉर्निंग

इससे पहले बांग्लादेश आर्मी चीफ वकार-उज्जमान ने सभी नेताओं को चेतावनी देते हुए उन्हें आपस में नहीं उलझने को कहा. उन्होंने कहा कि इससे देश की संप्रभुता को खतरा हो सकता है. अगर लोग अपने मतभेदों ना भुला पाए या एक-दूसरे पर आरोप लगाना बंद ना कर पाए तो देश की संप्रभुता दांव पर लग सकती है.

उन्होंने मंगलवार को पिलखाना नरसंहार की बरसी पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि मैं आपको चेतावनी दे रहा हूं. बाद में यह मत कहना कि मैंने आगाह नहीं किया. अगर आप अपने मतभेदों को भूलाकर साथ मिलकर काम नहीं करते हैं तो एक-दूसरे पर आरोप लगाते हैं तो देश की स्वतंत्रता और संप्रभुता खतरे में पड़ जाएगी. 

सेना प्रमुख ने कहा कि देश की कानून एवं व्यवस्था खराब होने के ये कुछ कारण हैं. पहला कारण है कि हम आपस में ही लड़ने में व्यस्त हैं. अगर आप अपने मतभेदों को नहीं भुलाते हैं तो इससे दिक्कत होगी. देश की संप्रभुता जोखिम में पड़ जाएगी. मैं चेतावनी दे रहा हूं. 

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सभी नेता एक दूसरे पर आरोप लगाने में व्यस्त हैं जिससे शरारती तत्वों को माहौल बिगाड़ने में फायदा हो रहा है. इस अराजक स्थिति में वे आसानी से बच रहे हैं. 

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