बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्यचार थमने का नाम नहीं ले रहा है. जहां एक तरफ हिंदू पुजारी चिन्मय दास को जेल भेज दिया गया है तो वहीं दूसरी ओर वकील की हत्या मामले में अब पुलिस ने हिंदू संगठनों पर कार्रवाई की है. पुलिस ने वकील की हत्या के बाद बड़े पैमाने पर गिरफ्तारियां की हैं. हिंदू समुदाय को निशाना बनाकर की गई कार्रवाई का डर है. बांग्लादेश पुलिस ने 76 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
दरअसल, बांग्लादेशी अधिकारियों ने अधिवक्ता सैफुल इस्लाम अलिफ की हत्या के बाद चटगांव में हिंदू समूहों पर बड़े पैमाने पर कार्रवाई शुरू की है. चटगांव में सामूहिक गिरफ्तारियों से हिंदू समुदाय में दहशत है. एफआईआर से पता चला कि चटगांव में कार्रवाई के मामले में गिरफ्तार किए गए अधिकांश व्यक्ति हिंदू समुदाय से हैं. 76 नामजद व्यक्तियों और 1,400 से अधिक अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें मुख्य रूप से सनातन ओइक्या जोटे सहित हिंदू समुदाय के नेताओं और सदस्यों को निशाना बनाया गया है.
पुलिस ने 27 नवंबर को कोतवाली पुलिस स्टेशन में तीन अलग-अलग मामले दर्ज किए, जिसमें संदिग्धों पर बर्बरता और सांप्रदायिक अशांति सहित हिंसक घटनाओं में शामिल होने का आरोप लगाया गया. आजतक द्वारा प्राप्त एफआईआर की कॉपी से पता चलता है कि जिन लोगों पर मामला दर्ज किया गया है, उनमें से अधिकांश हिंदू समुदाय से हैं.
सनातन ओइक्या जोटे के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास, जिन्हें हाल ही में गिरफ्तार किया गया था, विवाद के केंद्र में हैं. आरोप है कि उनकी रिहाई की वकालत करने वाले समर्थकों को भी फंसाया गया है. अधिकारियों का आरोप है कि अदालत परिसर में हुए हमलों में 600-700 अज्ञात व्यक्ति शामिल थे, रंगम सिनेमा हॉल के पास की घटनाओं में 300-400 और कोतवाली मोड़ के पास 25-300 लोग शामिल थे. अब तक, वकील की हत्या और एक मस्जिद में कथित तोड़फोड़ सहित आरोपों के सिलसिले में 33 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
चटगांव में हिंदू समुदाय ने लक्षित सामूहिक गिरफ्तारियों पर डर और चिंता व्यक्त की है, जबकि अधिकारियों का कहना है कि कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए कार्रवाई आवश्यक है. इस कार्रवाई ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के अधिकारों और न्याय पर व्यापक बहस छेड़ दी है.