पाकिस्तान से अलग करके जिस हिस्से को शेख हसीना के पिता मुजीब उर रहमान ने अलग देश के रूप में आजादी दिलाई, उसी बांग्लादेश से भागकर दूसरी बार शरण की तलाश में शेख हसीना निकली हैं. फिलहाल उन्हें गाजियाबाद स्थित हिंडन एयरबेस के सेफ हाउस में रखा गया है. लेकिन बताया जा रहा है कि मोदी सरकार शेख हसीना का सेफ हाउस बदलने पर विचार कर रही है और जल्द ही वह किसी देश में जाकर शरण ले सकती हैं. ऐसे में चर्चा ये भी है कि हसीना यूरोप के किसी देश में शरण ले सकती हैं और उनके जाने की व्यवस्था भारत सरकार करेगी.
ऐसे में कई सवाल भी उठ रहे हैं कि शेख हसीना भारत में सेफ हाउस से कहां जाने वाली हैं? और शेख हसीना को क्या ब्रिटेन अपने यहां शरण देने से बच रहा है? क्या अमेरिका, ब्रिटेन ने शेख हसीना पर अपने हाथ पीछे खींच लिए हैं? कारण, बताया जा रहा है कि ब्रिटेन ने शेख हसीना को शरण देने से इनकार कर दिया है. दरअसल, शेख हसीना प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद वायुसेना के विमान से भारत आईं. सोमवार शाम करीब साढ़े 5 बजे गाजियाबाद में हिंडन एयरबेस पर उनका विमान उतरा और फिर वापस अपने देश लौट गया.
इसके बाद से शेख हसीना ने हिंडन एयरबेस के सेफ हाउस में ही हैं. लेकिन ये साफ नहीं है कि वो आगे क्या करेंगी और कहां जाएंगी. सर्वदलीय बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताया कि शेख हसीना को फैसला करने के लिए समय दिया जा रहा है. जिस तरह वो बांग्लादेश से निकलीं और हिंडन एयरबेस पर पहुंचीं, उससे ये साफ हो गया था कि दिल्ली उनकी मंजिल नहीं थी. उन्होंने ब्रिटेन से शरण की मांग की, लेकिन लंदन से मांग स्वीकार होने के कोई संकेत नहीं मिले हैं. बताया जा रहा है कि अब वह यूरोप के कई देशों के संपर्क में हैं और रूस से भी शरण मांग सकती हैं.
इस बीच मंगलवार को न्यूयॉर्क में बांग्लादेश के वाणिज्य दूतावास से चौंकाने वाली तस्वीर सामने आईं. बांग्लादेशी प्रदर्शनकारियों ने न्यूयॉर्क में वाणिज्य दूतावास पर धावा बोल दिया. यहां उन्होंने शेख हसीना के पिता शेख मुजीबुर रहमान की तस्वीर को जबरदस्ती उतार दिया. इससे पहले सोमवार को बांग्लादेश के संस्थापक और पहले राष्ट्रपति शेख मुजीब की मूर्ति तोड़ दी गई थी. अब न्यूयॉर्क के वाणिज्य दूतावास में बांग्लादेशी प्रदर्शनकारी घुसकर हुड़दंग करते नजर आए. हैरान करने वाली बात है कि यहां कोई सुरक्षा नजर नहीं आ रही है.
राष्ट्रपति ने भंग की बांग्लादेश की संसद
राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने मंगलवार को अंतरिम प्रशासन के गठन के लिए देश की संसद को भंग करने की घोषणा कर दी है. ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि राष्ट्रपति शहाबुद्दीन की तीनों सशस्त्र सेनाओं के प्रमुखों, विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं, नागरिक समाज के प्रतिनिधियों और भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन के नेताओं के साथ हुई बैठक में लिए गए निर्णय के आधार पर राष्ट्रीय संसद को भंग कर दिया गया. इसके अलावा छात्र आंदोलन और विभिन्न मामलों में 1 जुलाई से 5 अगस्त तक हिरासत में लिए गए लोगों को रिहा करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है, जिनमें से कई को रिहा भी किया जा चुका है.
मोहम्मद युनूस बने अंतरिम सरकार के मुखिया
ग्लोबल माइक्रोक्रेडिट आंदोलन के जनक और नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस को बांग्लादेश की नई अंतरिम सरकार का मुखिया बना दिया गया है. इससे पहले उन्हें अंतरिम सरकार का सलाहकार नियुक्त किया गया था. मुहम्मद यूनुस बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के धुर विरोधी हैं. शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर देश छोड़ना के पीछे एक प्रमुख कारण इन्हें भी माना जा रहा है. 'गरीबों के बैंकर' के रूप में पहचाने जाने वाले यूनुस और उनके द्वारा स्थापित ग्रामीण बैंक को 2006 का नोबेल शांति पुरस्कार मिला चुका है. कारण, उन्होंने गांव में रहने वाले गरीबों को 100 डॉलर से कम के छोटे-छोटे कर्ज दिलाकर लाखों लोगों को गरीबी से बाहर निकालने में मदद की थी. इन गरीबों को बड़े बैंकों से कोई मदद नहीं मिल पाती थी.
राहुल गांधी ने विदेशी ताकतों पर पूछा सवाल
बांग्लादेश में तख्तापलट के बीच मोदी सरकार ने ऑल पार्टी मीटिंग बुलाई. बैठक में इस बात पर चर्चा की गई कि पड़ोसी देश में खराब हालात के बीच भारत की स्ट्रेटजी कैसी होनी चाहिए. मीटिंग में कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी भी मौजूद रहे.
सूत्रों के मुताबिक विपक्षी दलों के नेताओं ने सर्वदलीय बैठक में कहा कि वह इस मुद्दे पर सरकार के साथ हैं. मीटिंग में राहुल ने कहा कि इस मुद्दे को लेकर मीडियम और लॉन्ग टर्म स्ट्रेटजी होना चाहिए. वहीं, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि अभी स्थिति फ्लूइड और डेवलपिंग है.
BSF की नजर बांग्लादेश बॉर्डर पर
बांग्लादेश में हुए घटनाक्रम के बाद भारत में भी अलर्ट है. भारत-बांग्लादेश की सीमाओं पर सख्ती बढ़ा दी गई है. नई दिल्ली में भी हलचल है. उधर, बांग्लादेश के घटनाक्रम को देखत हुए भारत-बांग्लादेश की सीमाओं पर भी अलर्ट है. DG BSF दलजीत चौधरी मंगलवार को लगातार दूसरे दिन बॉर्डर के दौरे पर पहुंचे. और पेट्रापोल क्रासिंग का दौरा किया. यह बंगाल के 24 परगना में मौजूद है. बॉर्डर पर सैनिकों को 24×7 अलर्ट के निर्देश दिए गए हैं. DG BSF फ्लोटिंग BOP पर जाकर सुंदरवन इलाके का दौरा पहले ही कर चुके हैं.