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बांग्लादेश की पूर्व PM शेख हसीना का पासपोर्ट रद्द, अरेस्ट वारंट के बाद अंतरिम सरकार का फैसला

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना का पासपोर्ट रद्द कर दिया है. यह कदम बढ़ते आपराधिक मामलों के चलते उठाया गया है, जिसमें शेख हसीना और अन्य 96 लोग शामिल हैं. उनपर

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शेख हसीना
शेख हसीना

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने मंगलवार को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना का पासपोर्ट रद्द कर दिया है. यह फैसला नोबेल पुरस्कार विजेता और वर्तमान अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में लिया गया है. यह कदम उन आपराधिक मामलों की कड़ी में आया है, जिसमें शेख हसीना और उनके समर्थकों के नाम शामिल हैं.

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शेख हसीना समेत कुल 97 लोगों के पासपोर्ट रद्द किए गए हैं. इनमें से 22 लोग कथित अपहरण में शामिल होने के आरोपों का सामना कर रहे हैं, जबकि 75 अन्य लोगों पर पिछले वर्ष छात्र विरोधी आंदोलनों के दौरान हत्या के आरोप हैं.

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आईसीटी का शेख हसीना समेत 11 के खिलाफ अरेस्ट वारंट!

इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल (ICT) द्वारा शेख हसीना और अन्य 11 लोगों के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी करने के एक दिन बाद आया है. इनपर हसीना के शासनकाल के दौरान अपहरण और गैर-न्यायिक हत्याओं के आरोप हैं.

12 फरवरी तक सभी को अरेस्ट कर कोर्ट में पेश करने का आदेश

जनवरी 6 को सुनवाई के दौरान ट्रिब्यूनल ने शेख हसीना समेत अन्य आरोपियों को 12 फरवरी तक गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया है. अन्य आरोपियों में हसीना के रक्षा सलाहकार रहे मेजर जनरल (रिटायर्ड) तारिक अहमद सिद्दीकी, पूर्व पुलिस महानिरीक्षक (IGP) बेनजीर अहमद; और राष्ट्रीय दूरसंचार निगरानी केंद्र (NTMC) के पूर्व महानिदेशक जियाउल अहसान शामिल हैं.

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पिछले साल हिंसा में मारे गए थे 230 लोग

हसीना सरकार के पतन के बाद से बांग्लादेश में हुई हिंसा में 230 से अधिक लोग मारे गए, जिससे छात्र विरोधी आंदोलनों के दौरान मृतकों की संख्या 600 से अधिक हो गई है. यह आंदोलन सरकारी नौकरियों में एक विवादास्पद कोटा सिस्टम के खिलाफ शुरू हुआ था.  बांग्लादेशी अवामी लीग की प्रमुख शेख हसीना पिछले वर्ष 5 अगस्त को देश छोड़कर भारत में शरण ले चुकी हैं, जहां बांग्लादेश लगातार उनके प्रत्यर्पण की मांग कर रहा है.

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