बांग्लादेश सरकार ने भारत से हो रही रोहिंग्या मुसलमानों की घुसपैठ को लेकर चिंता जताई है. उन्होंने भारत सरकार से इसे रोकने के लिए जरूरी कदम उठाने को कहा है.
बांग्लादेश का कहना है कि बीते कुछ हफ्तों में कई रोहिंग्या मुसलमानों ने भारत से उनके यहां घुसपैठ की है.
इस संबंध में बांग्लादेश सरकार ने भारत को एक पत्र भेजा है. विदेश मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, रोहिंग्या मुसलमान अलग-अलग सीमाओं से बांग्लादेश में दाखिल हो रहे हैं.
बांग्लादेश विदेश मंत्रालय के सचिव (ईस्ट) माशफी बिंटे शम्स ने कहा, हमने इस मामले पर एक नोट वर्बल भेजा है.
इससे पहले 17 मई को बांग्लादेश के विदेश मंत्री एके अब्दुल मोमेन ने कहा कि हाल के दिनों में बाड़ वाले इलाकों से कई रोहिंग्या मुसमलान भारत से बांग्लादेश आए हैं, जो चिंता की बात है.
उन्होंने कहा, दुर्भाग्य से कई रोहिंग्या मुसलमान भारत से बांग्लादेश आ रहे हैं. इनमें से कई 2012 में भारत गए थे.
मोमेन ने कहा, देश के सुरक्षाबलों ने हाल ही में 18 रोहिंग्या शरणार्थियों को डिटेन किया है, जो भारत से आए थे. हमें उन्हें रोकने के लिए और सिक्योरिटी की जरूरत पड़ेगी.
उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में भारत से बांग्लादेश आ रहे रोहिंग्या शरणार्थी इसके लिए एजेंटों की मदद ले रहे हैं.
'अच्छे खाने के लालच में आ रहे बांग्लादेश'
मंत्री ने कहा कि जिन रोहिंग्याओं ने सीमा पार की है, उन्होंने अपने रिश्तेदारों से सुना है कि उन्हें बांग्लादेश के कॉक्स बाजार में अच्छी सुविधाएं और भोजन मिलेगा.
मौजूदा समय में बांग्लादेश के कॉक्स बाजार और भासन चार द्वीप में लगभग 11 लाख रोहिंग्या शरणार्थी रह रहे हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसा बताया जा रहा है कि भारत के अलग-अलग हिस्सों में लगभग 16,000 रोहिंग्या शरणार्थी रह रहे हैं.
हालांकि, यह अनुमान है कि यह आंकड़ा और भी अधिक हो सकता है क्योंकि इनमें से कई लोग बिना किसी दस्तावेजों के भारत में रह रहे हैं.
भारत सरकार ने अगस्त 2017 में ऐलान किया था कि वह देश में रह रहे सभी रोहिंग्या शरणार्थियों को डिपॉर्ट करने की योजना बना रही है.
बता दें कि म्यांमार में 2016 में सेना के दमन और अत्याचार से पीड़ित होकर बड़ी संख्या में रोहिंग्या शरणार्थियों ने बांग्लादेश में पनाह ली थी.