शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद जॉय ने कहा है उनकी मां अब राजनीति में नहीं लौटेंगी. उन्होंने कहा कि उनकी मां शेख हसीना अपने नेतृत्व के खिलाफ हुए हालिया विद्रोहों से "बहुत निराश" हैं. उनका कहना है कि बांग्लादेश में सुधार की उनकी अहम कोशिशों के बावजूद उन्हें इस तरह की समस्या झेलनी पड़ी है. जॉय के मुताबिक, विरोध-प्रदर्शनों की वजह से वह पहले से ही इस्तीफा देने पर विचार कर रही थीं.
दरअसल, बीते कुछ दिनों से पूरे बांग्लादेश में कोटा सिस्टम के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन हो रहा था. शेख हसीना के कर्फ्यू लगाए जाने और आर्मी को सड़क पर उतारने के बाद विरोध शांत हो गया. इसके कुछ दिन बाद ही प्रदर्शन उग्र हो गया और देशभर में हिंसाएं देखी गईं और प्रदर्शनकारी शेख हसीना का इस्तीफा मांगने लगे. इसके बाद हसीना को अपना पद और देश छोड़ना पड़ा.
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बेटे ने किया शेख हसीना के कार्यकाल का बचाव
शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद का कहना है कि सुरक्षा की वजह से परिवार ने उनसे देश छोड़ने की अपील की थी. जॉय ने अपनी मां के कार्यकाल का बचाव करते हुए कहा, "उन्होंने बांग्लादेश को बदल दिया है. जब उन्होंने सत्ता संभाली थी, तब इसे एक असफल देश माना जाता था. यह एक गरीब देश था. आज इसे एशिया के उभरते हुए बाघों में से एक माना जाता है."
कोटा सिस्टम के खिलाफ हुए विरोध-प्रदर्शनों को दबाने के लिए हसीना सरकार की कोशिशों का भी उनके बेटे ने बचाव किया. मसलन, कर्फ्यू, देखते ही गोली मारने का आदेश और प्रदर्शनकारियों के खिलाफ बल प्रयोग से प्रदर्शनों को खत्म करने की कोशिश की गई थी, जिसमें कुछ पुलिसकर्मियों को भी अपनी जान गंवानी पड़ी. हसीना के बेटे ने कहा कि हिंसा के मद्देनजर उठाए गए कदम जरूरी थे.
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राष्ट्रपति से मिले विपक्षी दलों के नेता
बांग्लादेश के पीएम पद से शेख हसीना के इस्तीफे के बाद यहां अंतरिम सरकार के गठन की कोशिश की जा रही है. खुद आर्मी चीफ ने इसका ऐलान किया है. उन्होंने तमाम राजनीतिक दलों से बातचीत की भी बात बताई थी. इसके बाद खबर आई है कि विपक्षी दलों के नेता राष्ट्रपति से मुलाकात की है. इनमें बीएनपी, नागोरिक ऐक्य, जातीय पार्टी, हेफाजेत इस्लाम, जमात-ए-इस्लामी और कुछ अन्य समूह शामिल थे.