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बांग्लादेश में भारतीय चीजों का बहिष्कार करने की अपील के बीच हसीना सरकार ने उठाया ये बड़ा कदम

जनवरी 2024 में हुए आम चुनाव में प्रधानमंत्री शेख हसीना की सत्तारूढ़ अवामी लीग लगातार चौथी बार सरकार बनाने में सफल रही. इसके बाद से ही मुख्य विपक्षी पार्टी बीएनपी और उसके सहयोगी दल के नेता घरेलू राजनीति में भारत पर दखल का आरोप लगाते हुए भारतीय सामान को बायकॉट करने की मुहिम चला रहे हैं.

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बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना

बांग्लादेश की मुख्य विपक्षी पार्टी के नेताओं की ओर से चलाई जा रही भारत विरोधी मुहिम के बीच शेख हसीना सरकार भारत से 50 हजार टन प्याज आयात करेगी. हसीना सरकार की आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने बुधवार को इस संबंध में वाणिज्य मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. इस बैठक की अध्यक्षता वित्त मंत्री अबुल हसन अली ने की थी.

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शेख हसीना सरकार का यह कदम इसलिए भी अहम हो जाता है क्योंकि बांग्लादेश की मुख्य विपक्षी पार्टी बीएनपी और उसके सहयोगी दल के नेता वहां भारत के प्रभाव को खत्म करने के लिए वहां 'इंडिया आउट कैंपेन' चला रहे हैं. इसके तहत, वो बांग्लादेश में भारतीय चीजों को बहिष्कार करने की अपील कर रहे हैं. हाल ही में बीएनपी के नेता रुहुल कबीर रिजवी ने कश्मीरी शॉल को जला दिया था. जिसके बाद बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने निशाना साधते हुए कहा था कि क्या वे भारतीय मसालों के बिना खाना खा सकते हैं?

शेख हसीना ने यह भी कहा कि जब वे (विपक्षी पार्टी के नेता) अपने पार्टी कार्यालय के सामने अपनी पत्नियों की भारतीय साड़ियां जलाएंगे, तभी यह साबित होगा कि वे वास्तव में भारतीय उत्पादों का बहिष्कार करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.'

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बांग्लादेश की न्यूज वेबसाइट के मुताबिक, वाणिज्य मंत्रालय की एक सरकारी संस्था ट्रेडिंग कॉरपोरेशन ऑफ बांग्लादेश जी-टू-जी आधार पर भारत के नेशनल कोऑपरेटिव एक्सपोर्ट्स लिमिटेड से प्याज आयात करेगा. हालांकि, प्याज की कीमत क्या होगी, इसका अभी खुलासा नहीं किया गया है. कैबिनेट डिवीजन के एडिशनल सेक्रेटरी का कहना है कि भारत से प्याज आयात की मंजूरी के बाद यह प्रस्ताव कैबिनेट समिति के पास भेजा जाएगा. उस समय प्याज की दर का खुलासा किया जा सकता है.

बांग्लादेश को बैन के बावजूद प्याज निर्यात करेगा भारत

भारत प्याज निर्यात पर प्रतिबंध लगाए हुए है. लेकिन बांग्लादेश और यूएई के लिए छूट देते हुए रमजान और ईद से पहले प्याज निर्यात की अनुमति दे दी है.

बांग्लादेश के विपक्षी नेता भारत पर आरोप लगाते हैं कि भारत बांग्लादेश के लोगों को नहीं, बल्कि शेख हसीना की पार्टी बांग्लादेश अवामी लीग का समर्थन करता है.यही कारण है कि बांग्लादेश के कुछ विपक्षी नेता 'इंडिया आउट' कैंपेन चला रहे हैं और भारतीय उत्पादों का बहिष्कार कर अपना गुस्सा निकाल रहे हैं. 

भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार, भारत सरकार ने नेशनल कोऑपरेटिव एक्सपोर्ट्स लिमिटेड के माध्यम से संयुक्त अरब अमीरात और बांग्लादेश को 64 हजार टन प्याज के निर्यात की अनुमति दी है. बांग्लादेश को जहां 50 हजार टन प्याज के निर्यात की अनुमति मिली है. वहीं, संयुक्त अरब अमीरात को 14 हजार टन प्याज के निर्यात की अनुमति दी गई है.

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डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ कमर्शियल इंटेलिजेंस एंड स्टैटिक्स के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2021-22 में भारत से सबसे ज्यादा प्याज बांग्लादेश ने ही खरीदा है. भारत द्वारा किए गए कुल प्याज निर्यात का 37.91 प्रतिशत प्याज बांग्लादेश को निर्यात किया गया है.

बांग्लादेश में भारतीय चीजों का बहिष्कार क्यों?

बांग्लादेश के विपक्षी नेताओं का कहना है कि भारत के समर्थन के कारण ही बांग्लादेश के एकतरफा चुनाव और शेख हसीना की सरकार को वैश्विक मान्यता मिली है. इसलिए 'इंडिया आउट' कैंपेन के माध्यम से भारत और उसके उत्पादों का बहिष्कार किया जाना चाहिए.

विश्लेषकों का कहना है कि हाल के वर्षों में बांग्लादेश के लोगों में भारत विरोधी भावना बढ़ी है. इसके पीछे की वजह बताते हुए जानकार कहते हैं कि भारतीय जनता पार्टी पर मुस्लिम विरोधी होने के आरोप लगते हैं जो बांग्लादेश को मुसलमानों को रास नहीं आता. लेकिन भारत विरोध की सबसे बड़ी वजह भारत का शेख हसीना की पार्टी आवामी लीग को समर्थन देना है जो पिछले 15 सालों से सत्ता में बनी हुई है. BNP के कार्यकर्ता कहते रहे हैं कि आवामी लीग 15 सालों से इसलिए सत्ता में बनी हुई है क्योंकि उसे भारत का समर्थन हासिल है. 

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