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'अगर भाई के घर में आग...', बांग्लादेश हिंसा पर नोबेल विजेता मोहम्मद यूनुस ने भारत से क्या अपील की?

बांग्लादेश में चल रहा छात्र आंदोलन बेहद उग्र रूप ले चुका हैं. ऐसी खबरें आ रही हैं कि प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस्तीफा दे दिया है. हालांकि, अभी इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है. देश की स्थिति पर बांग्लादेश के नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस ने टिप्पणी की है और कहा है कि भारत को बांग्लादेश सरकार की आलोचना करनी चाहिए.

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बांग्लादेश में भड़की हिंसा पर देश के नोबल विजेता ने प्रतिक्रिया दी है (Photo- AP/Reuters)
बांग्लादेश में भड़की हिंसा पर देश के नोबल विजेता ने प्रतिक्रिया दी है (Photo- AP/Reuters)

बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण खत्म करने की मांग को लेकर शुरू हुआ छात्रों का प्रदर्शन बेहद विकराल रूप ले चुका है. खबर है कि प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस्तीफा दे दिया है. हालांकि, अभी इस खबर की पुष्टि नहीं हो पाई है. ऐसी रिपोर्टें आ रही हैं कि बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी पीएम आवास में दाखिल हो गए हैं. 

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देश की स्थिति पर बांग्लादेशी अर्थशास्त्री और नोबल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस ने चिंता जताई है. उन्होंने प्रदर्शनों पर भारत की प्रतिक्रिया पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा है कि बांग्लादेश में मचा उथल-पुथल पड़ोसी देशों में भी फैल सकता है.

दरअसल, पिछले महीने भारत ने बांग्लादेश में चल रहे प्रदर्शनों पर टिप्पणी से इनकार कर दिया था. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने साप्ताहिक प्रेस ब्रीफिंग में प्रदर्शनों पर प्रतिक्रिया देने से इनकार करते हुए कहा था, 'हम इसे बांग्लादेश के घरेलू मामले के रूप में देखते हैं.'

'अगर भाई के घर में आग लगी है....'

भारत की प्रतिक्रिया से निराश बांग्लादेश के नोबल विजेता मोहम्मद यूनुस ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा, 'जब भारत कहता है कि यह घरेलू मामला है, तो मुझे दुख होता है. अगर आपके भाई के घर में आग लगी है तो आप उसे घरेलू मामला कैसे बता सकते हैं? कूटनीति में बहुत सी चीजें आती हैं और ये नहीं कहा जा सकता कि ये उनका घरेलू मसला है.'

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यूनुस ने कहा कि 17 करोड़ की आबादी वाले बांग्लादेश में लोग संघर्ष का सामना कर रहे हैं, युवा सरकारी बलों द्वारा मारे जा रहे हैं और कानून व्यवस्था बिगड़ती जा रही है. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि बांग्लादेश में मचा उथल-पुथल बस इसकी सीमाओं तक ही सीमित नहीं रहेगा बल्कि पड़ोसी देशों को भी प्रभावित करेगा.

बांग्लादेश के लाखों लोगों को गरीबी से निकालने वाले यूनुस हसीना सरकार की आंखों में चुभते रहे हैं. यूनुस ने साल 1983 में ग्रामीण बैंक की स्थापना की थी जो गरीबों को अपना लघु उद्योग शुरू करने के लिए कर्ज देता था.

बांग्लादेश की तर्ज पर इस तरह के बैंक दुनियाभर में खोले गए. बांग्लादेश के लाखों गरीब लोगों को आर्थिक मदद मुहैया कराने के लिए 2006 में मोहम्मद यूनुस और उनके बैंक को नोबेल शांति पुरस्कार दिया गया.

शेख हसीना यूनुस पर 'गरीबों का खून चूसने' का आरोप लगाती रही हैं. उनका कहना है कि यूनुस की तरफ से शुरू किए गए ग्रामीण बैंक गरीबों से अत्यधिक ब्याज वसूलते हैं. 

हाल ही में यूनुस पर भ्रष्टाचार का एक अभियोग चलाया गया. यूनुस के समर्थकों का मानना है कि ये अभियोग राजनीति से प्रेरित है.

'बांग्लादेश सरकार की आलोचना करे भारत'

यूनुस ने भारत से आग्रह किया कि वो बांग्लादेश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया का समर्थन करे और चुनावों में पारदर्शिता न होने को लेकर बांग्लादेशी सरकार की आलोचना करे.

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यूनुस ने भारत के सफल चुनावों की प्रशंसा करते हुए 'बांग्लादेश में लोकतांत्रिक लक्ष्यों के लिए भारत के समर्थन की कमी' पर दुख जताया. उन्होंने कहा कि वो इन सभी मुद्दों पर भारत सरकार से चर्चा करने की योजना बना रहे हैं.

पिछले महीने शुरू हुआ बांग्लादेश में छात्रों का प्रदर्शन

बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण को खत्म करने की मांग करते हुए पिछले महीने छात्रों का प्रदर्शन शुरू हुआ था. प्रदर्शनकारियों की मांग है कि 1971 के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजनों के लिए 30 प्रतिशत आरक्षण का कोटा खत्म किया जाए. हिंसा को देखते हुए कोर्ट ने आरक्षण की सीमा घटा दी लेकिन तब तक छात्र पुलिस की ज्यादाती और सरकारी की असंवेदनशीलता को लेकर भड़क गए और पीएम हसीना के इस्तीफे की मांग करने लगे.

बांग्लादेश में प्रदर्शनों को देखते हुए सरकार ने इंटरनेट बंद कर रखा है. पीएम हसीना के लिए देश में चल रहा प्रदर्शन 20 सालों के उनके कार्यकाल में उनकी सबसे बड़ी परीक्षा है.

आलोचकों और मानवाधिकार समूहों ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ अधिक बल के इस्तेमाल के लिए हसीना सरकार की आलोचना की है. हालांकि. वो इस आरोप से इनकार करती रही हैं.

भारत ने जारी की एडवाइजरी

बांग्लादेश में जारी हिंसा के मद्देनजर भारत सरकार ने अपने नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी की है. भारत ने कहा है कि नागरिक पड़ोसी देशों की यात्रा न करें.

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एडवाइजरी में बांग्लादेश में मौजूद सभी भारतीयों से अत्यधिक सावधानी बरतने, घर से बाहर न निकलने और आपातकालीन फोन नंबरों के जरिए ढाका में भारतीय उच्चायोग से संपर्क में रहने की सलाह दी गई है. 

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