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ऑस्ट्रेलियाई संसद में दिखाई गई PM मोदी पर BBC डॉक्यूमेंट्री, 50 लोग जुटे

ऑस्ट्रेलिया की संसद में बुधवार को पीएम मोदी पर बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग की गई जिसमें 50 लोग जुटे. इस दौरान एक ऑस्ट्रेलियाई सांसद ने कहा कि एंथनी अल्बनीज ने पीएम मोदी से मुलाकात के दौरान मानवाधिकार के मुद्दे पर उनसे बात नहीं की. उन्होंने कहा कि दोनों देशों के रिश्तों में आलोचना की जगह होनी चाहिए.

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ऑस्ट्रेलिया में पीएम मोदी का दौरा खत्म हो चुका है (Photo- Reuters)
ऑस्ट्रेलिया में पीएम मोदी का दौरा खत्म हो चुका है (Photo- Reuters)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपना दो दिवसीय ऑस्ट्रेलिया दौरा खत्म कर गुरुवार को भारत वापस आ गए. मोदी के ऑस्ट्रेलिया दौरे के समय ही वहां की संसद में एमनेस्टी इंटरनेशनल सहित कुछ स्थानीय संगठनों की तरफ से भारत में प्रतिबंधित बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री India:The Modi Question दिखाई गई. स्क्रीनिंग के दौरान 'द ग्रीन्स' पार्टी के सांसद जॉर्डन स्टील-जॉन ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने पीएम मोदी से मुलाकात के दौरान भारत में मानवाधिकारों के मुद्दे पर उनसे चर्चा नहीं की जिसे लेकर वह नाराज हैं.

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ऑस्ट्रेलियाई अखबार की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सांसद ने कहा है कि एंथनी एल्बनीज ने पीएम मोदी से भारत में मानवाधिकारों को लेकर चर्चा नहीं की लेकिन उन्हें ऑस्ट्रेलिया की विफलताओं के लिए अपनी आलोचना सुनने के लिए तैयार रहना चाहिए.

मंगलवार को सिडनी ओलंपिक पार्क में 20 हजार से अधिक प्रवासियों ने पीएम मोदी का जोरदार स्वागत किया. इस दौरान अल्बनीज ने पीएम मोदी को बॉस कहकर संबोधित किया. इसके अगले दिन बुधवार को दोनों नेताओं ने भारतीय झंडे के रंगों में रंगे सिडनी ऑपेरा हाउस के सामने तस्वीर खिंचवाई.

Photo- AFP

ऑस्ट्रेलियाई संसद में बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग 

ठीक उसी वक्त ऑस्ट्रेलिया की संसद में पीएम मोदी पर बनी बीबीसी की विवादित डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग की गई जिसमें सिर्फ 50 लोगों ने हिस्सा लिया. 

डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को We The Diaspora ने कई मानवाधिकार संगठनों के साथ मिलकर किया था जिसमें CARE, Hindus for Human Rights, एमनेस्टी इंटरनेशनल, Periyar Ambedkar Thoughts Circle-Australia (PATC-A) और The Humanism Project शामिल हैं.

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भारत सरकार ने बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री पर प्रतिबंध लगाया है. सरकार ने इस डॉक्युमेंट्री को लेकर कहा है कि इसमें चीजों को निष्पक्ष तरीके से नहीं दिखाया गया है.

"मानवाधिकार के मुद्दे पर दोहरा मापदंड अपनाते हैं पश्चिमी देश"

डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग के दौरान ऑस्ट्रेलियाई संसद में मांग उठाई गई कि अल्बनीज पीएम मोदी से भारत में हो रहे मानवाधिकार उल्लंघन और प्रेस की आजादी को कम करने के आरोपों पर चर्चा करें. सांसद स्टील जॉन ने कहा कि पश्चिमी देश अक्सर मानवाधिकारों के मुद्दे पर दोहरा मापदंड अपनाते हैं. 

उन्होंने संसद में कहा कि अल्बनीज को लेकर उनकी निराशा उस वक्त गुस्से में बदल गई जब उन्होंने पीएम मोदी से मुलाकात के दौरान मानवाधिकारों के मुद्दे को नहीं उठाया.

उन्होंने कहा, 'हम भारत के साथ अपने संबंधों को बहुत महत्व देते हैं... लेकिन हम इस रिश्ते में आलोचना की जगह भी चाहते हैं... जैसे भारत में मानवाधिकारों की स्थिति को लेकर, और बदले में हम अपनी आलोचना सुनने के लिए भी तैयार हैं.'

Photo- AFP

'भारत के साथ हमारी दोस्ती सच पर आधारित होनी चाहिए'

डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग के समय संसद में मौजूद ग्रीन्स पार्टी के ही सांसद डेविड शुब्रिज ने स्क्रीनिंग से पहले कहा कि भारत के साथ ऑस्ट्रेलिया के संबंध सच पर आधारित होने चाहिए. 

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उन्होंने कहा, 'हमने यह स्पष्ट कर दिया है कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बेहद मजबूत संबंध हैं और होने भी चाहिए, लेकिन इस दोस्ती में सच्चाई होनी चाहिए. हम लगातार कहते रहे हैं कि ऑस्ट्रेलिया की सरकार भारत सरकार के साथ बातचीत में वहां के मानवाधिकार की खराब स्थिति, प्रेस की आजादी में कमी का मुद्दा उठाए.'

उन्होंने भारत में बीबीसी डॉक्यूमेंट्री पर लगे प्रतिबंध का जिक्र करते हुए कहा, 'अगर बीबीसी डॉक्यूमेंट्री को भारत में नहीं दिखाया जा सकता तब उसे हमारे यहां अवश्य ही दिखाया जाएगा....लोकतंत्र के दिल ऑस्ट्रेलिया में.'

जब पत्रकारों के सवालों पर अल्बनीज ने की बोलती बंद

बुधवार सुबह अल्बनीज से ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने भी तीखे सवाल पूछे और कहा कि क्या उन्हें नहीं लगता कि पीएम मोदी तानाशाह किस्म के नेता हैं?

जवाब में अल्बनीज ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और पीएम मोदी ने अपने कार्यकाल में भारत से गरीबी कम करने की कोशिश की है और भारतीयों के लिए अवसरों को बढ़ाया है.

उन्होंने पीएम मोदी का बचाव करते हुए कहा, 'हमने भारत का जो विकास देखा है, वह अद्भुत है और प्रधानमंत्री मोदी सच में बहुत लोकप्रिय हैं...भारत एक लोकतंत्र है लेकिन वो अधिकांश लोगों के बीच लोकप्रिय हैं.'

अल्बनीज से यह भी पूछा गया कि, पीएम मोदी पर अपने राजनीतिक विरोधियों को दबाने का आरोप है, उन पर मीडिया को भी दबाने का आरोप है, मुसलमानों के साथ भेदभाव का आरोप है, क्या इनमें से कोई आरोप अल्बनीज को परेशान करता है?

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जवाब में अल्बनीज ने कहा, 'यहां ऑस्ट्रेलिया में, लोगों को अधिकार है कि वो अपनी बात शांतिपूर्ण तरीके से रख सकें...और हम सभी राजनीति में लोगों के बारे में अलग-अलग विचार रखते हैं. ऑस्ट्रेलिया निश्चित रूप से, हमेशा मानवाधिकारों के लिए खड़ा होता है, चाहे वो दुनिया में कहीं भी हो.' 

भारत आकर पीएम मोदी ने की ऑस्ट्रेलिया के विपक्ष की तारीफ

पीएम मोदी ऑस्ट्रेलिया के अपने दौरे से गुरुवार सुबह दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर पहुंचे जहां बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के नेतृत्व में पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया. उन्होंने बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए विदेश दौरे के अपने किस्से सुनाए.

इस दौरान उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए ऑस्ट्रेलिया के विपक्ष की तारीफ की. उन्होंने कहा कि सिडनी में भारतीय प्रवासियों के इवेंट के दौरान वहां केवल ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री ही मौजूद नहीं रहे बल्कि विपक्षी पार्टियों के सांसदों ने भी उसमें हिस्सा लिया.

Photo- Twitter/BJP Delhi

गौरतलब है कि 20 विपक्षी पार्टियों ने 28 मई को होने वाले नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार किया है. इन पार्टियों का कहना है कि नए संसद भवन का उद्घाटन पीएम को नहीं करना चाहिए. इसी संदर्भ में पीएम ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया में विपक्षी पार्टी के सांसदों ने भी उनके लिए आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया. 

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उन्होंने कहा, 'यही लोकतंत्र की ताकत है. सभी ने एक साथ मिलकर भारतीय समुदाय के कार्यक्रम में हिस्सा लिया.'

इस अवसर पर बोलते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, 'पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री ने कहा कि पीएम मोदी उनके लिए विश्व गुरु हैं. ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री ने पीएम मोदी को बॉस कहा. आज दुनिया पीएम मोदी के नेतृत्व के कारण एक नए भारत को देख रही है.'

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