प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले सप्ताह तीन दिवसीय अमेरिकी दौरे पर जा रहे हैं. पीएम मोदी के दौरे को लेकर अमेरिका में तैयारियां जोरों पर है. भारत-अमेरिका संबंधों की दृष्टि से पीएम मोदी की यह यात्रा बहुत ही महत्वपूर्ण है. इसी बीच अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने भारत में बीबीसी के दफ्तर पर छापे, ह्यूमन राइट्स, सिटीजनशिप बिल और डेमोक्रेसी को लेकर टिप्पणी की है.
बीबीसी के ऑफिस पर इनकम टैक्स का छापा और मानवाधिकार से जुड़े एक सवाल का जवाब देते हुए अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच ऐसे कई मुद्दे हैं जिस पर हम साथ मिलकर काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हम इस तरह के मुद्दे को भारत सरकार के अधिकारियों के साथ उठाते रहते हैं.
मानवाधिकार और लोकतंत्र को लेकर अमेरिका स्पष्टः मिलर
गुरुवार को डेली प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक पत्रकार ने मिलर से पूछा, "अगले सप्ताह भारत के प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका दौरे पर हैं. भारतीय अमेरिकी समुदाय में बहुत सारे लोग हैं जो प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत करेंगे. लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जो मानवाधिकार, लोकतंत्र के मुद्दे, बीबीसी के खिलाफ मोदी सरकार की कार्रवाई और सिटीजनशिप को लेकर उनका विरोध करेंगे. वो चाहते हैं कि प्रशासन (अमेरिकी सरकार) इस मुद्दे को प्राथमिकता से उठाए.
पत्रकार ने कहा, "इस तरह के और भी बहुत सारे मुद्दे हैं. बाइडेन सरकार जो लोकतंत्र और मानवाधिकार को अपने विदेश नीति के केंद्र में बताते हुए सत्ता में आई है. लोकतंत्र और मानवाधिकार को अपने एजेंडे में सबसे ऊपर रखने की बात करती है. ऐसे में लोग आपको मानवाधिकार से जुड़े मुद्दे पर सवाल उठाते देखना चाहते हैं. लेकिन जिस तरह से यहां (अमेरिका) में पीएम मोदी का स्वागत किया जा रहा है. उससे कइयों को ऐसा लग सकता है कि इन सभी मुद्दों को दरकिनार किया जा रहा है. आप इस पर क्या कहना चाहते हैं?"
इसका जवाब देते हुए मिलर ने कहा," जरूर. जैसा कि मैंने पहले भी कहा है अभी भी कहूंगा, ऐसे कई मुद्दे हैं जिसको लेकर हम भारत के साथ काम करते हैं. मानवाधिकार के मुद्दे को हम नियमित रूप से भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के सामने उठाते हैं. हम इस बारे में स्पष्ट हैं. हम कई बार इसको लेकर प्राइवेट में बात करते हैं और कई बार हम सार्वजनिक रूप से भी बात करते हैं.
कुछ लोगों के द्वारा मोदी सरकार के दौरे का विरोध करने के संबंध में मैं यही कहूंगा कि हम प्रत्येक अमेरिकी नागरिक के अधिकार का समर्थन करते हैं. संविधान के पहले संशोधन के तहत प्रत्येक अमेरिकी को आवाज उठाने का अधिकार है. हमने पहले भी इस अधिकार को लेकर खुलकर बात की है. हम अमेरिकियों के इस अधिकार का समर्थन करना जारी रखेंगे.
चीन-भारत रिश्तों को लेकर कही ये बात
प्रेस ब्रीफिंग के दौरान एक अन्य पत्रकार ने मिलर से पूछा, " क्या आप आकलन कर सकते हैं कि चीन ने भारत की कितनी जमीन पर कब्जा किया है? क्या विदेश मंत्री एंटी ब्लिंकन भारत-चीन संबंधों पर चर्चा करेंगे या यह बहुत आगे की बात है?
इसका जवाब देते हुए मैथ्यू मिलर ने कहा," विदेश मंत्री किन मुद्दों पर चर्चा करेंगे. इसको लेकर मैंने कल भी कहा था कि वास्तविक में इसकी जानकारी विदेश मंत्री ही दे सकते हैं. चीन दौरे को लेकर हमारे पास कई लक्ष्य हैं. उन लक्ष्यों में एक यह भी है कि हम यह सुनिश्चित करेंगे कि दोनों सरकारों के बीच विश्वसनीय बातचीत की शुरुआत की जाए ताकि अमेरिका और चीन के बीच कंपीटिशन संघर्ष में न बदल जाए.
दूसरा यह है कि चीन से जुड़े ऐसे कई मुद्दे हैं जिसको लेकर हम चिंतित हैं और निश्चित रूप से हम उन चिंताओं को सीधे चीन सरकार के सामने उठाएंगे. इसके अलावा हम ऐसे क्षेत्रों की तलाश कर रहे हैं जहां हम एक दूसरे को सहयोग कर सकें. हमें लगता है अमेरिका और चीन से दुनिया को यही उम्मीद है. किसी विशेष मुद्दे को लेकर मैं टिप्पणी नहीं करना चाहता. मुझे यकीन है कि दौरा खत्म होने के बाद हमारे पास कहने के लिए काफी कुछ होगा.
अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ डिनर करेंगे पीएम मोदी
अपने तीन दिवसीय दौरे के दौरान पीएम मोदी 21 जून की रात को वॉशिंगटन पहुंचेंगे. यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और उनकी पत्नी जिल बाइडेन डिनर करेंगे, यह डिनर बेहद निजी होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 23 जून को अमेरिकी कांग्रेस (संसद) के संयुक्त सत्र को भी संबोधित करेंगे. पीएम मोदी इससे पहले 2016 में भी अमेरिकी कांग्रेस को संबोधित कर चुके हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुनिया के तीसरे ऐसे नेता होंगे जिनके नाम अमेरिकी कांग्रेस को दो बार संबोधन करने का गौरव प्राप्त होगा. इससे पहले ब्रिटेन के प्रधानमंत्री विस्टन चर्चिल साल 1941, 1943 और 1952 में अमेरिकी संसद को संबोधित कर चुके हैं. वहीं, नेल्सन मंडेला 1990 और 1994 में अमेरिकी संसद को संबोधित कर चुके हैं.