इजरायल की पुलिस ने जांच के बाद सिफारिश की है कि प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को कथित भ्रष्टाचार के दो मामलों में अभ्यारोपित करते हुए उनपर मुकदमा चलना चाहिए. बता दें, नेतन्याहू को औपचारिक रूप से अभ्यारोपित करने की जिम्मेदारी एटॉर्नी जनरल कार्यालय की है. इस मामले पर न्याय मंत्री आयलेत शाकेड ने कहा कि प्रधानमंत्री को जिन अपराधों के तहत अभ्यारोपित किया गया है उनमें इस्तीफा देने की बाध्यता नहीं है.
नेतन्याहू ने कहा- आरोप बेबुनियाद
पुलिस की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि नेतन्याहू पर मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं. उनपर रिश्वत लेने, धोखाधड़ी करने और भरोसा तोड़ने के आरोपों में मुकदमा चलना चाहिए. वहीं, इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने इस आरोपों को बेबुनियाद बताया है. इजरायल के सरकारी चैनल पर बोलते हुए नेतन्याहू ने कहा, इन आरोपों से कोई नतीजा नहीं निकलने वाला. वो पद पर बने रहेंगे.
बता दें, नेतन्याहू पर मीडिया में सकारात्मक कवरेज कराने को लेकर जांच हो रही थी. साथ ही उनपर रिश्वत के तौर पर महंगे तोहफे लेने का भी आरोप है. ऐसे आरोप हैं कि नेतन्याहू ने हॉलीवुड निर्माता आर्नन मिलचन से करीब एक लाख डॉलर के तोहफे लिए. इसमें महंगी शराब से लेकर सिगार तक शामिल है.
इजरायल की मीडिया के मुताबिक, पुलिस ने नेतन्याहू से करीब सात बात पूछताछ भी की है. इस पूछताछ और जांच के बाद पुलिस ने ये सिफारिश की है.
नेतन्याहू पर लगते रहे हैं आरोप
बता दें, नेतन्याहू इजरायल के दूसरी बार प्रधानमंत्री बने हैं. वो 12 सालों से इस पद पर हैं. उनपर भ्रष्टाचार के अलग-अलग आरोप लगते रहे हैं. नेतन्याहू पर जर्मनी से खरीदे गए युद्धपोतों में गड़बड़ी को लेकर जांच शुरू हुई. वहीं, ऐसी भी खबरें सामने आई थी कि एक फ्रांसीसी दलाल ने 2009 के चुनावी कैंपेन में नेतन्याहू को लाखों यूरो दिए थे ताकि वो चुनाव जीत सकें. इसके अलावा नेतन्याहू और उनकी पत्नी सारा पर एक सरकारी कॉन्ट्रैक्टर से निजी काम कराने का आरोप भी लगा था.