भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे ने कहा है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बहुत ज्ञानी व्यक्ति हैं. तोबगे ने कहा कि भूटान मोदी के पहले विदेशी दौरे को पहले से मजबूत रिश्ते को आगे और मजबूत बनाने के लिए अवसर के तौर पर इस्तेमाल करेगा.
तोबगे ने मोदी के बारे में कहा, ‘वह मित्रवत हैं और निश्चित तौर पर बहुत ज्ञानी और भूटान के शुभचिंतक हैं. वह भारत-भूटान संबंध के विवरण के बारे में बहुत अधिक जानकार हैं और कुल मिलाकर वह मकसद और उम्मीद का भाव देते हैं.’
पिछले महीने प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने वाले मोदी अपने पहले विदेशी दौरे पर भूटान पहुंचे हैं. यहां पहुंचने पर मोदी का भव्य स्वागत किया गया.
तोबगे ने कहा, ‘हम इस अद्भुत मौके को दोनों देशों के बीच रिश्ते का जश्न मनाने तथा पहले से मजबूत दोस्ती को आगे और मजबूत करने के लिए इस्तेमाल करना चाहते हैं.’ उन्होंने कहा कि बातचीत का मुख्य केंद्र संबंधों को मजबूत करने पर होगा, लेकिन भूटान भारत की ओर से किए गए सभी वादों और मदद के बारे में चर्चा करेगा.
पनबिजली परियोजनाओं पर भूटानी प्रधानमंत्री ने कहा कि वह इनकी स्थिति को लेकर चर्चा करेंगे जो फिलहाल अच्छी है. उन्होंने कहा कि भूटान भारत के साथ आर्थिक रिश्ते को मजबूत करने तथा अपनी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने को लेकर उत्सुक है. तोबगे ने भरोसा जताया कि मोदी का यह दौरा दोनों देशों के बीच मित्रता को आगे और उंचाई पर ले जाएगा.
मोदी का भूटान में शानदार स्वागत
मोदी के भूटान पहुंचने पर यहां की सरकार ने उनका भव्य स्वागत किया. मोदी को औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया.
मोदी के साथ गए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और विदेश सचिव सुजाता सिंह का स्वागत करने के लिए पारो हवाई अड्डे पर भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे और उनके कैबिनेट सहयोगी उपस्थित थे.
प्रधानमंत्री पारो से 50 किलोमीटर दूर थिंपू गए. इस पहाड़ी रास्ते में प्रकृति के नयनाभिराम दृश्य दिखाई देते हैं. पारो और थिंपू के बीच पूरे रास्ते पर बच्चे और आम लोग मोदी के स्वागत में भारत और भूटान के ध्वज लहरा रहे थे। रास्ते में मोदी की तस्वीरों वाले बड़े बड़े होर्डिंग भी नजर आ रहे थे.
अपने आगमन के फौरन बाद मोदी ने भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्येल वांगचुक से भी भेंट की तथा दोनों देशों के बीच ‘‘अनोखे एवं विशेष’’ द्विपक्षीय संबंध को और गहरा करने के लिए संबंधों के पूरे दायरे पर चर्चा हुई.
इस भेंट के दौरान मोदी ने भूटान नरेश और उनकी पत्नी जेत्सुन पेमा को भारत आने का न्यौता दिया. यह भेंट करीब एक घंटे तक चली.
दो दिवसीय दौरे के लिए भूटान जाने से पहले मोदी ने कहा कि ‘अनूठे और खास संबंध’ की वजह से पहले विदेशी गंतव्य के तौर पर भूटान उनकी ‘स्वभाविक पसंद’ थी. अपनी पहली विदेश यात्रा के लिए भूटान को चुनने का महत्व इसलिए बढ़ जाता है क्योंकि चीन ने हाल के दिनों में इस देश को अपने साथ लाने के प्रयास तेज कर दिये हैं और थिंपू के साथ पूर्ण राजनयिक संबंध स्थापित किये हैं.
रवाना होने से पहले मोदी ने कहा कि भूटान के साथ संबंध उनकी सरकार की विदेश नीति की अहम प्राथमिकता होगा.
मोदी भूटान की संसद के संयुक्त सत्र को भी संबोधित करेंगे. वह भारत की मदद से चलाई गई परियोजना के तौर पर भूटान के सुप्रीम कोर्ट की इमारत का भी उद्घाटन करेंगे.