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श्रीलंका इन दिनों संकट के दौर से गुजर रहा है. वहां अब खाने-पीने समेत रोजमर्रा की जरूरत की कई चीजों की कमी हो गई है. बेतहाशा महंगाई हो गई है. विपक्ष से लेकर आम जनता सरकार का विरोध कर रही है. इसी बीच श्रीलंका की सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. बता दें कि श्रीलंका ने नॉर्वे और ईराक में अपने दूतावास को बंद कर दिया है. वहीं ऑस्ट्रेलिया में स्थित अपने वाणिज्य दूतावास को अस्थायी तौर पर बंद करने का फैसला लिया है.
श्रीलंका में विदेशी मुद्रा भंडार के लगभग समाप्त हो जाने से शुरू हुआ यह संकट अब राजनीतिक और सामाजिक संकट का रूप ले चुका है. सरकार में शामिल कई प्रभावशाली लोग एक के बाद एक पद छोड़ रहे हैं. दूसरी ओर जरूरी चीजों के भाव आसमान पर पहुंच जाने से आम लोगों के सामने खाने-पीने का संकट खड़ा हो गया है.
न्यूज एजेंसी के मुताबिक श्रीलंका में आर्थिक और राजनीति संकट के बीच फलों और सब्जियों के भाव काफी चढ़ गए हैं. 3-4 महीने पहले जो सेब 500 रुपये किलो बिक रहा था, वह अभी 1000 रुपये किलो पर पहुंच चुका है. इसी तरह नाशपाती की कीमत पहले के 700 रुपये किलो की तुलना में 2 गुना से भी ज्यादा बढ़कर 1500 रुपये किलो हो चुकी है.
श्रीलंका में हालात काफी बदतर होते जा रहे हैं. यहां बड़े पदों पर बैठे कई लोग इस्तीफा दे चुके हैं. बीते दिन यानी सोमवार को श्रीलंका के सेंट्रल बैंक के गवर्नर अजित निवार्ड कैबराल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने ऐसे वक्त में अपने पद से इस्तीफा दिया है जब इस देश में इकोनॉमी की खस्ता हालत को लेकर प्रदर्शनों का दौर तेज हो रहा है. 67 वर्षीय कैबराल ने ट्विटर पोस्ट के जरिए इस्तीफे का ऐलान किया. उन्होंने दूसरी बार यह पद संभालने के सात सात महीने भीतर ही इस्तीफा दे दिया.