पाकिस्तान में फिर से राजनीतिक हालात बिगड़ते दिख रहे हैं. प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सरकार गिरने की अटकलें तेज होती जा रही हैं. पूर्व पीएम इमरान खान से सत्ता छिनने के बाद पाकिस्तान में गठबंधन सरकार बनी है. अब गठबंधन की पार्टियां ऐसे बयान जारी कर रही हैं, जिससे यह लग रहा है कि शहबाज सरकार कभी भी गिर जाएगी. विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने रविवार को एक बयान जारी कर इन अटकलों को और तेज कर दिया है. उन्होंने शहबाज शरीफ को मंत्रालय छोड़ने का अल्टीमेटम दे दिया.
जानकारी के मुताबिक बिलावल भुट्टो ने जोर देते हुए कहा है कि अगर प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बाढ़ पीड़ितों के लिए कोई वादा किया है तो उसे पूरा किया जाना चाहिए नहीं तो हमारे लिए अपना मंत्रालय निभाना मुश्किल हो जाएगा. पीपीपी अध्यक्ष बिलावल भुट्टो ने बाढ़ प्रभावित लोगों से किए गए वादे पूरे न किए जाने पर मंत्रालयों को छोड़ने की धमकी दे दी है.
बिलावल ने कहा कि सिंध प्रांत के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बाढ़ प्रभावितों के राहत और पुनर्वास से जुड़े कई वादे किए थे, लेकिन इनमें से कोई भी वादा पूरा नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि सरकार बाढ़ प्रभावितों के लिए वादा किए गए राहत कोष में देरी कर रही है. वह इस संबंध में पीएम शहबाज से बात करेंगे और अगर प्रधानमंत्री बाढ़ पीड़ितों की समस्याओं की अनदेखी करते रहे तो वह अपने पद से इस्तीफा दे देंगे.
शहबाज को विश्वासमत का करने पड़ेगा सामना
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के चेयरमैन इमरान खान ने भी जनवरी में कहा था कि जल्द ही शहबाज शरीफ को विश्वासमत का सामना करना पड़ेगा. पाकिस्तान के एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा था, "शहबाज शरीफ ने पंजाब में हमारी परीक्षा ली और अब यह साबित करने की उनकी बारी है कि नेशनल असेंबली में उनके पास बहुमत है या नहीं."
MQM-P भी समर्थन लेने की दे चुकी है धमकी
खान का बयान तब आया है जब शहबाज शरीफ की गठबंधन वाली सरकार में शामिल मुताहिदा कौमी मूवमेंट पाकिस्तान (MQM-P) ने हुकूमत का साथ छोड़ने की धमकी दी है. MQM-P ने कराची और हैदराबाद में स्थानीय निकाय चुनावों के मुद्दे पर साथ छोड़ने की धमकी दी है. पाकिस्तानी राष्ट्रपति अल्वी खान पीटीआई से ताल्लुक रखते हैं और संघीय गठबंधन बहुत कम बहुमत पर टिका हुआ है. एमक्यूएम-पी के नेशनल असेंबली में सात सदस्य हैं, अगर वह साथ छोड़ने का फैसला करते हैं तो शहबाज सरकार के गिरने के आसार बन जाएंगे.