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आतंकियों पर असली कार्रवाई कब? बिलावल भुट्टो ने इमरान खान को घेरा

बिलावल भुट्टो जरदारी ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि यह कैसे मुमकिन हो जाता है कि निर्वाचित प्रधानमंत्रियों को फंसी पर चढ़ा दिया जाता है, लेकिन आरोपी संगठनों पर पाबंदी नहीं लगाई जा सकती है. इस तरह की कार्रवाई सिर्फ विपक्ष के खिलाफ ही होती है, लेकिन प्रतिबंधित संगठनों के खिलाफ कोई जांच नहीं हो रही है.

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बिलावल भुट्टो जरदारी (फाइल फोटो)
बिलावल भुट्टो जरदारी (फाइल फोटो)

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पुलवामा हमले के बाद आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर दोहरे रवैये के कारण पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अपने देश में भी घिरते हुए नजर आ रहे हैं. आतंकी संगठनों के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं करने की वजह से भारत अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान को लगातार घेरने की कोशिश कर रहा है. अब पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान पर वहां के विपक्ष ने निशाना साधा है.

पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने नेशनल एसेंबली में बोलते हुए इमरान खान पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि यह कैसे मुमकिन हो जाता है कि निर्वाचित प्रधानमंत्रियों को फांसी पर चढ़ा दिया जाता है, लेकिन आरोपी संगठनों पर पाबंदी नहीं लगाई जा सकती है. इस तरह की कार्रवाई सिर्फ विपक्ष के खिलाफ ही होती है, लेकिन प्रतिबंधित संगठनों के खिलाफ कोई जांच नहीं हो रही है. मेरे नाश्ते के लिए संयुक्त जांच टीम गठित कर दी जाती है, लेकिन प्रतिबंधित संगठनों के लिए जांच टीम नहीं बनाई जाती है. बिलावल भुट्टो ने यह बात पाकिस्तान की संसद में कही.

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इससे पहले बिलावल भुट्टो ने भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान को भारत को सौंपने पर आपत्ति जता चुके हैं. उन्होंने कहा, मेरी राय में प्रधानमंत्री (इमरान खान) ने भारतीय पायलट को जल्द छोड़ कर खतरा मोल लिया है. कोई एक हमारी सीमा घुस आता है, हमारी बहादुर पाकिस्तानी वायुसेना उसका विमान मार गिराती है लेकिन हमने उसे कुछ दिनों में ही छोड़ दिया.

अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाक की फजीहत

बता दें कि पाकिस्तान आतंकवादियों को हिरासत में लेने का नाटक कर रहा है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक चौतरफा कूटनीतिक दबाव के चलते जैश सरगना मसूद अजहर के दो भाई समेत 44 आतंकवादियों को हिरासत में लेने के कुछ ही घंटे के भीतर पाकिस्तान ने जमात-उद-दावा और फलाह-ए-इन्सानियत फाउंडेशन पर बैन लगा दिया है. 4 मार्च को ही पाकिस्तान ने JUD को वॉचलिस्ट में रखा था, लेकिन एक दिन के भीतर ही उसे बैन कर दिया.

मुंबई हमले के गुनहगार आतंकी हाफिज सईद के इन दोनों संगठनों पर से कुछ दिन पहले ही प्रतिबंध हटाया गया था. हाफिज सईद इन दोनों संगठनों के जरिए करीब 300 धार्मिक शिक्षण संस्थान और स्कूल, अस्पताल, पब्लिशिंग हाउस और एंबुलेंस सर्विस चलाता है. पाकिस्तान में इससे पहले भी कई बार जमात उद दावा पर बैन की कार्रवाई होती रही है, लेकिन कई बार वो सरकार के फैसले के खिलाफ कोर्ट जा चुका है.

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हाफिज सईद को संयुक्त राष्ट्र ने आतंकी घोषित करते हुए उस पर 10 मिलियन डॉलर के इनाम का ऐलान किया था. 2012 में लश्कर पर बैन लगाया गया था. उसके बाद हाफिज ने अपनी आतंकी गतिविधि चलाने के लिए जमात उद दावा और फलाह ए इन्सानियत फाउंडेशन बनाया और इनकी आड़ में अपने नापाक मंसूबों को अंजाम देता रहा. अमेरिका और यूरोपियन देशों के फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने पड़ोसी मुल्क को अपनी ग्रे लिस्ट में डाल दिया था.

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