पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी प्रमुख बिलावल भुट्टो जरदारी दुबई में एक हफ्ता से अधिक समय बिताने के बाद मंगलवार को स्वदेश लौट आए. लेकिन वह 11 मई को होने वाले आम चुनाव में पार्टी के प्रचार अभियान का नेतृत्व नहीं करेंगे.
बिलावल के प्रमुख सहायक हाशम रियाज ने बताया, 'बिलावल भुट्टो जरदारी प्रचार अभियान का हिस्सा होंगे लेकिन प्रचार अभियान की अगुवाई नहीं करेंगे. दरअसल पीपीपी ने उन्हें चुनाव प्रचार अभियान का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी कभी नहीं सौंपी थी.' पार्टी के मामलों को लेकर अपने पिता राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और बुआ फरयाल तालपुर से कहासुनी हो जाने के बाद बिलावल पिछले महीने दुबई चले गए थे.
इसके बाद जरदारी 30 मार्च को दुबई गए थे. ऐसी खबरें थीं कि जरदारी की यात्रा का उद्देश्य बिलावल को स्वदेश वापसी के लिए मनाना था. जरदारी और उनके पुत्र आज तड़के कराची पहुंचे. रियाज ने बताया कि बिलावल सिंध प्रांत के गढ़ी खुदा बख्श में चार अप्रैल को अपने नाना और पूर्व प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो की पुण्यतिथि पर आयोजित होने वाली रैली में हिस्सा लेंगे. भुट्टो परिवार के इस पारंपरिक गढ़ में रैली आयोजित करके पीपीपी की औपचारिक तौर पर अपने चुनाव प्रचार अभियान को शुरू करने की योजना है.
रियाज ने बताया कि चुनाव प्रचार अभियान के दौरान बिलावल भी कुछ जनसभाओं को संबोधित करेंगे. पीपीपी के आंतरिक सूत्रों ने इससे पहले बताया था कि बिलावल अहम मुद्दों से पार्टी के निपटने के संबंध में जरदारी और उनकी बहन फरयाल तालपुर के साथ मतभेद पैदा होने के बाद दुबई चले गए थे. मतभेद के इन महत्वपूर्ण मुद्दों में आतंकवादी हिंसा, शियाओं पर जातीय हमला और चुनाव के लिए पार्टी के टिकट बंटवारे का मुद्दा शामिल था. लेकिन रियाज ने कहा, 'बिलावल की वापसी ने उन अफवाहों को शांत कर दिया है कि उनका अपने पिता या बुआ से कोई मतभेद था. वह अक्सर दुबई जाते हैं और उनके देश छोड़ने को दूसरे संदर्भ में नहीं देखा जाना चाहिए.'
उन्होंने कहा कि बिलावल लगातार गंभीर खतरे का सामना कर रहे हैं और 'हमें इस बात को नहीं भूलना चाहिए.' बिलावल को पीपीपी चुनाव में अपने स्टार प्रचारक के तौर पर पेश कर रही थी और पार्टी नेताओं ने बिलावल और जरदारी के बीच मतभेद की खबरों को दबाने की कोशिश की. बिलावल खुद चुनाव नहीं लड़ सकेंगे क्योंकि वह सितंबर में 25 साल के होंगे.