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कॉलेज में हिजाब पहनने पर पाबंदी

सुरक्षा कारणों के मद्देनजर एक कॉलेज में मुस्लिम छात्र-छात्राओं के बुर्का, नकाब या हिजाब पहनने पर पाबंदी लगा दी गई है.

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सुरक्षा कारणों के मद्देनजर एक कॉलेज में मुस्लिम छात्र-छात्राओं के बुर्का, नकाब या हिजाब पहनने पर पाबंदी लगा दी गई है.

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इंग्‍लैंड के बर्मिंघम शहर के मेट्रोपॅलिटन कॉलेज के स्‍टूडेंट्स से कहा गया है कि वे चेहरे को ढकने वाले किसी भी तरह के नकाब को ना पहनें ताकि 'हर समय उनकी आसानी से पहचान हो सके.'

हालांकि कुछ छात्राओं ने इस कदम का यह कहते हुए स्‍वागत किया है कि इससे वे ज्‍यादा सुरक्षित महसूस करेंगी, जबकि अन्‍य ने इसे बेतुका करार दिया है.

इस फैसले के बाद कई छात्राओं ने तो दूसरे कॉलेज में दाखिला ले लिया है. वैसे इस नए नियम के तहत छात्रों को भी कॉलेज में टोपी और हुड पहनने की इजाजत नहीं है.

17 साल की छात्रा इमानी अली का कहना है कि इस नियम की वजह से उनकी आजादी का हनन किया गया है. उन्‍होंने कहा, 'दाखिला लेने के बाद मुझे और मेरी दोस्‍त को बताया गया कि कॉलेज के अंदर हमें हिजाब पहनने की इजाजत नहीं होगी. उन्‍होंने हमें कोई दूसरा विकल्‍प भी नहीं दिया. हमने कहा कि हम खुशी-खुशी सुरक्षा में तैनात शख्‍स को अपना चेहरा दिखाने के लिए तैयार हैं ताकि वह हमारे आई-कार्ड से मिलान कर हमारी पहचान कर सके, लेकिन उन्‍होंने ऐसा करने से मना कर दिया.'

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उन्‍होंने कहा, 'यह मेरी स्‍वतंत्रता का हनन है. मेरे साथ भेदभाव हुआ है. मैं अपने धर्म में विश्‍वास रखती हूं. मैं ऐसी जगह नहीं जाना चाहती, जहां मुझे स्‍वीकार नहीं किया जाता, लेकिन मेरे पास दूसरा कोई विकल्‍प भी नहीं है.'

अपना नाम ना जाहिर करने की शर्त में एक दूसरी लड़की ने कहा कि वह इस नियम से इतनी परेशान है कि उसे शहर के किसी दूसरे कॉलेज में एडमिशन लेने का फैसला करना पड़ा.

उसने कहा, 'यह बहुत खराब बात है. यह निजी पसंद का मामला है और यह बहुत शर्मनाक है कि ऐसा नियम बर्मिंघम के उस कॉलेज में लगाया गया है, जहां अलग-अलग संस्‍कृतियों के कई लोग पढ़ते हैं, जिनमें से ज्‍यादातर मुस्लिम हैं. हमारे साथ भेद-भाव किया जा रहा है. मुझे नहीं लगता कि मेरा नकाब मुझे पढ़ाई करने और किसी से बात करने से रोकता है. इससे पहले मुझे कभी कोई दिक्‍कत नहीं हुई.'

कॉलेज के 17 वर्षीय साइंस स्‍टूडेंट सुलेमान हुसैन भी इस नए नियम-कानून से काफी खफा हैं. उन्‍होंने कहा, 'वे अपने साथ कॉलेज में कोई बम लेकर नहीं आ रहे हैं. वे यहां पढ़ाई करने आते हैं.'

उधर, कॉलेज के प्रिंसिपल डेम क्रिस्‍टीन ब्रैडॉक ने इस नए नियम का बचाव करते हुए कहा है कि इससे स्‍टूडेंट्स को सुरक्षित रखने में मदद मिलेगी.

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