मैन बुकर पुरस्कार न्यूजीलैंड की लेखक एलेनर कैटन को मिला है. लगभग साढ़े आठ सौ पन्नों वाले उपन्यास 'द लुमिनेरीज' के लिए कैटन को यह प्रतिष्ठित पुरस्कार मिला. भारतीय मूल की अमेरिकी उपन्यासकार झुंपा लाहिड़ी भी इस दौड़ में थीं.
इस पुरस्कार की घोषणा के साथ ही दो रिकॉर्ड बने. एक तो यह कि कैटन ये पुरस्कार जीतने वाली सबसे युवा लेखक बन गईं हैं. उनकी उम्र 28 साल है. दूसरा रिकॉर्ड ये बना कि उनका उपन्यास 'द लुमिनेरीज' बुकर जीतने वाला अब तक का सबसे लंबा उपन्यास है.
विजेता चुनने वाले पैनल ने कैटन की इस किताब को ‘अनूठी’ करार दिया गया है. यह किताब 19वीं सदी के गोल्डरश हत्या की गुत्थी पर आधारित है. पैनल ने कहा कि यह किताब लंबी जरूर है और इसकी शुरुआत भी धीमी है. लेकिन एक बार इसमें उतर जाने के बाद पाठक की रूचि लगातार इसमें बनती जाती है.
जजों की बैंच ने कहा कि हम लोगों ने तीन बार इस किताब को पढ़ा. हर बार कुछ नया मिला. यह किताब अनूठी है. न्यूजीलैंड में रहने वाली कैटन ने कहा, 'इस असाधारण पुरस्कार से मान और सम्मान दिलाने के लिए मैं 'मैन बुकर' पुरस्कार का शुक्रिया अदा करती हूं.’ उन्होंने 25 साल की उम्र से ही उपन्यास लिखना शुरू कर दिया था. लंदन के गिल्डहाल में एक शानदार समारोह में डचेस ऑफ कॉर्नवाल, कैमिला पार्कर-बोवेल्स की ओर से यह पुरस्कार उन्हें प्रदान किया गया.
इस साल निर्णायक मंडल के प्रमुख, लेखक और समालोचक रॉबर्ट मैकफार्लेन ने स्वीकार किया कि पाठकों को इस मोटी किताब में अच्छा खासा समय देना होगा. निर्णायकों ने लंदन में जन्मी झुंपा लाहिड़ी की रचना 'द लोलैंड' को भी सराहा. 'द लोलैंड' 1960 के दशक के आखिर में कोलकाता में पले बढ़े दो-भाइयों की कहानी है.