पाकिस्तान के लाहौर कोर्ट में स्थित सिख शासक महाराजा रणजीत सिंह की मूर्ति के साथ तोड़फोड़ करने वाले युवक ने पूछताछ के दौरान कबूल किया कि वह विवादास्पद उपदेशक खादिम हुसैन रिज़वी के प्रचार से प्रभावित था, जिसने महाराजा पर मुसलमानों की हत्या का आरोप लगाया था.
गौरतलब है कि महाराणा रणजीत सिंह की मूर्ति को दूसरी बार नुकसान पहुंचाया जा चुका है. इससे पहले जून 2019 में महाराजा रणजीत सिंह की प्रतिमा को अनावरण के बाद से 'माई जिंदा' हवेली में तोड़ा गया है. फिलहाल के लिए अधिकारियों ने किले को बंद कर दिया है.
बता दें कि महाराणा रणजीत सिंह प्रथम सिख शासक हैं जिनका निधन वर्ष 1839 में हुआ. उनकी 180वीं बरसी के अवसर पर कोल्ड ब्रांज से बनाई गई इस प्रतिमा को लगाया गया था. प्रतिमा में महाराजा को तलवार पकड़ कर घोड़े पर बैठा दिखाया गया है. एक समाचार एजेंसी के मुताबिक लाहौर वाल्ड सिटी अथॉरिटी के एक अधिकारी ने शनिवार को जानकारी देते हुए कहा कि किशोर ने शुक्रवार को महाराजा की प्रतिमा का हाथ तोड़ दिया था. लड़के को मौके पर ही सुरक्षा कर्मियों ने हिरासत में लेकर पुलिस को सौंप दिया था.
बता दें कि खादिम हुसैन रिजवी पाकिस्तान के एक चरमपंथी धार्मिक समूह तहरीक-ए-लब्बैक (टीएलपी) के मुखिया थे. हाल ही में उनका निधन हो चुका है. खादिम हुसैन रिजवी कि पाकिस्तान में ईशनिंदा कानून के बड़े समर्थकों में से एक हैं.