ब्राजील के पूर्व राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डा सिल्वा की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को वहां के लाखों नागरिकों ने खारिज करने की मांग की है. इस मामले में लोगों ने सर्वोच्च न्यायालय पर दबाव बनाने के लिए देश के कई बड़े शहरों में प्रदर्शन किया है. इस याचिका से लूला को भ्रष्टाचार मामले में दोषी सिद्ध होने के बाद कैद से बचने में कुछ मदद मिल सकती है.
न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक, 'वेम प्रा रुआ' (सड़कों पर उतरो) आंदोलन द्वारा आहूत विरोध प्रदर्शन के दौरान मंगलवार को ब्राजील के 27 राज्यों में से 20 से ज्यादा राज्यों के दर्जनों शहरों में मोर्चा निकाला गया. यह आंदोलन 2015 में डिल्मा रोसेफ प्रशासन के दौरान भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रमुखता से सामने आया था.
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इज इनासियो लूला डा सिल्वा का ब्राजील के राष्ट्रपति तौर पर कार्यकाल 1 जनवरी 2003 से लेकर 1 जनवरी 2011 तक का था. जनवरी में उन्हें अपीलीय अदालत द्वारा 12 साल कैद की सजा सुनाई गई थी.
बता दें, ब्राजील देश के सबसे बड़े शहर साओ पाओलो के पॉलिस्ता एवेन्यू में जोरदार विरोध प्रदर्शन देखने को मिला, जहां ब्राजीलियाई झंडे के साथ टी-शर्ट पहने प्रदर्शनकारियों ने पूर्व राष्ट्रपति को जेल में डालने की मांग की है.
प्रदर्शनकारियों ने 'सर्वोच्च न्यायालय, हमें निराश मत करो', 'लूला, जेल जाओ' के नारे लगाए. सर्वोच्च न्यायालय के 11 मजिस्ट्रेट इस बात की समीक्षा करेंगे कि पूर्व राष्ट्रपति की बंदी प्रत्यक्षीकरण अपील को स्वीकार किया जाए या नहीं.