अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का अपने सैनिकों को सीरिया से हटाने का फैसला विवाद की जद में आ गया है. आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) के खिलाफ मुहिम चलाने वाले वैश्विक संगठन के मुखिया और अमेरिकी दूत ब्रेट मैकगर्क ने ट्रंप के फैसले पर कड़ा रुख अख्तियार करते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. मैकगर्क से पहले जिम मैटिस ने भी ट्रंप प्रशासन से हटने का फैसला किया था. इन दोनों अधिकारियों की विदाई को अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है.
महज दो हफ्ते पहले ही मैकगर्क ने खुलासा किया था कि आईएस का सफाया मान लेना बेवकूफी है और इस लिहाज से सीरिया से अमेरिकी सैनिकों की वापसी सही कदम नहीं मान सकते. गौरतलब है कि तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा ने साल 2015 में मैकगर्क को आईएस के खिलाफ बने वैश्विक संगठन का मुखिया नियुक्त किया था. बाद में ट्रंप राष्ट्रपति बने और उन्होंने भी मैकगर्क को इस पद पर बनाए रखा.
BREAKING: Official says US envoy for anti-Islamic State coalition, Brett McGurk, has quit; more fallout from Trump's Syria pullout. https://t.co/HwmL1u0RH3
— The Associated Press (@AP) December 22, 2018
न्यूज एजेंसी एपी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मध्य फरवरी में अपना पद छोड़ने वाले मैकगर्क ने इस्तीफे में लिखा है कि आतंकी भले ही भागमभाग की हालत में हों लेकिन उनका समूल सफाया मान लेना बेवकूफी है, क्योंकि वे अब भी हारे नहीं हैं. मैकगर्क ने लिखा है कि ऐसी हालत में अमेरिकी सैनिकों की वापसी आईएस के प्रसार को और बढ़ावा देगी. उन्होंने इस्तीफा पत्र में लिखा है कि आईएस के खिलाफ जंग अभी चरम पर है, इसलिए आतंकियों के समूल सफाए के बिना सैनिकों की वापसी जायज नहीं.
Brett McGurk, who I do not know, was appointed by President Obama in 2015. Was supposed to leave in February but he just resigned prior to leaving. Grandstander? The Fake News is making such a big deal about this nothing event!
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) December 23, 2018
शनिवार को एपी ने बताया कि मैकगर्क ने शुक्रवार को अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो को अपना इस्तीफा पत्र भेज दिया. हालांकि इस बारे में जबतक आधिकारिक रूप से कोई बयान सार्वजनिक नहीं हो जाता, तबतक इस पर कोई चर्चा नहीं की जार रही.
मैकगर्क के इस्तीफे की खबर मीडिया में आने के कुछ देर बाद ही ट्रंप ने सैनिकों की वापसी के अपने फैसले का पुरजोर बचाव किया. न्यूज एजेंसी एएनआई ने एक रिपोर्ट में ट्रंप के हवाले से लिखा कि सीरिया में आईएस का सफाया हो गया है इसलिए सैनिकों की वापसी होगी. ट्रंप ने यह भी कहा कि सीरिया में आगे का काम पड़ोसी देश तुर्की देखेगा.
एएनआई ने ट्रंप के ट्वीट में लिखा, 'सीरिया में हम और तीन महीने रहेंगे. पिछले 7 साल में हमने सीरिया को कभी नहीं छोड़ा. जब मैं राष्ट्रपति बना तब आईएस अपने चरम पर था. अब जब आईएस लगभग हार चुका है, सीरिया के पड़ोसी देशों खासकर तुर्की को आगे के काम का जिम्मा संभालना होगा. हम अब वापसी करेंगे.'